नियोनेटल ट्रांसपोर्ट पर कार्यशाला आयोजित
– कार्यशाला में 67 प्रतिभागी हुए शामिल
डोईवाला@BHVN…….हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट की ओर से नियोनेटल ट्रांसपोर्ट पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें प्रतिभागियों ने इसकी व्यापक अवधारणाओं के विषय में जानकारी हासिल की।
शनिवार को नियोनेटोलॉजी व बाल रोग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में नियोनेटल ट्रांसपोर्ट एंबूलेंस पर कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि महानिदेशक शैक्षणिक विकास डा. विजेंद्र चौहान ने कहा कि नियोनेटल ट्रांसपोर्ट नवजात शिशुओं को गंभीर बीमारियों के उपचार व उचित देखभाल में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने प्रतिभागियों से कार्यशाला में अधिक से अधिक सीखने की बात कही। हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रिंसिपल डा. अशोक देवरारी ने उत्तराखंड राज्य में नवजात देखभाल में सुधार के प्रयास का हिस्सा बनने के लिए आयोजन टीम और प्रतिभागियों को बधाई दी। विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रकाश केशवैया ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी से नवजात शिशुओं के परिवहन के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण में काफी मदद मिलेगी। इस दौरान नवजात परिवहन पर एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया। पुस्तक में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और टेलीमेडिसिन की अवधारणाओं और उपयोग सहित नवजात परिवहन में सुधार के लिए सभी प्रासंगिक जानकारी शामिल है। प्रोफेसर अनिल रावत, डॉ. सनोबर वसीम, डॉ. सैकत पात्रा, डॉ. चिन्मय चेतन और डॉ. राकेश कुमार ने प्रतिभागियों को नवजात परिवहन के बुनियादी से लेकर उन्नत पहलुओं की जानकारी दी। कार्यक्रम संयोजक डा. गिरीश गुप्ता ने बताया कि कार्यशाला में 67 प्रतिभागियों ने भाग लिया। हैंड्स ऑन प्रशिक्षण में डॉ. नितिका अग्रवाल, डॉ. यासिर अहमद लोन, डॉ. मंजू केदारनाथ, डॉ. आयशा इमरान, डॉ. सूरज सिंह, डॉ. प्राची, डॉ. ब्रजेंद्र, इंदु और किरण ने प्रतिभागियों को नवजात शिशुओं के परिवहन के लिए आवश्यक उपकरण, निगरानी, कठिन परिदृश्य और संचार कौशल पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर डॉ. आरएस सैनी, डा. दिनेश चंद्र जोशी, डा. सुनील सैनी, दीपक आदि उपस्थित थे।