देहरादून@BHVN…….. उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विगत दो दशक से अधिक समय से उत्तराखण्ड के परम्परागत भोजन को गढ़ भोज के नाम से देश भर में प्रचारित प्रसारित कर थाली व आर्थिकी का जरिया बनाने के कार्य के लिए द्वारिका प्रसाद सेमवाल को मुख्यमंत्री आवास में एक कार्यक्रम में प्रशष्ती पत्र एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य बनने के साथ ही द्वारिका प्रसाद सेमवाल उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन की अगुवाई करने वाले नारे कोदा झगोंरा खायेंगे उत्तराखण्ड बनायेंगे को साकार करने के काम में लग गए थे। आज उत्तराखण्ड का भोजन की चर्चा चारो तरफ है। किसी भी काम के लिए अगर मन बना लिया जाये तो संसाधन खुद ही जुट जाते हैं। सेमवाल के द्वारा भोजन को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए चलाए गया गढ़ भोज अभियान एक भगीरथ प्रयास है। इनके द्वारा अनेकों नवाचारी काम किए जा रहे है बीज बम अभियान आज देश का अभियान बन चुका है वहीं जल संरक्षण के लिए चलाए जा रहे कल के लिए जल अभियान ने जल संरक्षण को एक नई दिशा दी है। वर्तमान समय में पानी को बचाना भी चुनौती पूर्ण काम है पानी बचाने को लेकर किए जा रहे कार्य के लिए आप आने वाले समय में राज्य के ब्रांड एंबेसडर है।
मुख्यमंत्री जी ने अभियानों के लिए हर संभव सहयोग देने की बात कही साथ द्वारिका प्रसाद सेमवाल के कार्यों पर केंद्रीय विश्वविद्यालय श्री नगर एवं पर्वतीय शोध केंद्र द्वारा लिखी गढ़ भोज अभियान एवं कल के लिए जल अभियान का विमोचन किया। गढ़ भोज अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने सम्मान के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया । वर्ष 2000 से शुरू किया गढ़ भोज अभियान ने कई उतार चढाव देखे लेकिन निरन्तर प्रयास से आज अपने मुकाम पर पहुंचा। सरकार को गढ़ भोज को मिड डे मील योजना में शामिल करने के लिए आभार। गढ़ भोज को आर्थिकी से जोड़ने के लिए 7 सुझाव का पत्र भी सौंपा जो इस तरह है
देहरादून सहित पूरे राज्य में गड़ भोज परोसने के लिए मुख्य चौराहों पर स्थान आरक्षित किए जाए जहा पर पहाड़ के नौजवान स्थानीय भोजन बन के बेच सके।
सरकारी कार्यक्रम में आवश्यक रूप से गढ़ भोज परोसा जाए आदि की मांग की गई। कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री डा मोहन सिंह रावत गांववासी, प्रो जे पी पचोरी, डॉ अरविंद दरमोड़ा, चैतराम सेमवाल, प्रो यतीश वशिष्ठ, एस पी चमोली रिटायर्ड डी आई जी, विकास पंत, गंगा बहुगुणा, संदीप रोथान , उद्योगपति यएचडी शर्मा, द्वारिका प्रसाद सेमवाल मौजूद रहे।