डॉ निशंक को डीलिट की उपाधि से नवाजा

डोईवाला……..BHVN………..# हिमालय विरासत ट्रस्ट दिल्ली तथा हिमालयीय विश्वविद्यालय माजरी के संयुक्त तत्वावधान में ऋषिकेश परमार्थ में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।…………..#उद्घाटन सत्र का प्रारंभ में योगेंद्र नाथ शर्मा ने डॉ निशंक का रचना संसार की यात्रा पर निरंतर चल रही 108 रविवासरीय वेबीनार विचार गोष्ठी का संपूर्ण प्रस्तुत किया। डॉ निशंक के सृजन यात्रा अवदान एवं मूल्यांकन पुस्तक का विमोचन उत्तराखंड के राज्यपाल के कर कमलों से किया गया।…….#कुलपति हिमालयीय विश्वविद्यालय डॉ राजेश नैथानी ने उत्तराखंड में स्थापित होने वाले लेखक गौंबकी परिकल्पना को प्रस्तुत किया। वर्धा से आए कुलपति प्रो रजनीश शुक्ल ने इस बात की घोषणा की की आगामी वर्ष से लेखक गांव के सहयोग से प्रतिवर्ष साहित्यिक महोत्सव मनाया जाएगा।……..#स्वामी चिदानंद मुनि ने भारतीय ज्ञान-विज्ञान, अध्यात्म, योग, संस्कृति एवं साहित्य से अवगत कराया। डॉ रश्मि खेलगांवकर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय साहित्य के महत्व और उस पर हो रहे कार्यों पर अपना उद्बोधन प्रस्तुत किया।……………#एमजीआईएचयू कुलपति रजनीश शुक्ला ने डॉ निशंक को विश्वविद्यालय की ओर से डीलिट की उपाधि उत्तराखंड राज्यपाल गुरमीत सिंह, स्वामी चिदानंद मुनि द्वारा प्रदान की एवं उनके द्वारा किए गए राष्ट्रहित साहित्य का भी विवरण प्रस्तुत किया।#……………..#राज्यपाल गुरमीत सिंह ने अपने उद्बोधन में डॉ निशंक की सर्जन यात्रा एवं उनकी रचना संसार पर निरंतर चली आ रही व्याख्यान मालाओं एक विश्व रिकॉर्ड के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दी और उनकी अमूल्य धरोहर भारतीय दर्शन साहित्य संस्कृति विभिन्न पहलुओं विभिन्न क्षेत्रों विभिन्न विषयों पर रचित साहित्य उत्सव के माध्यम से सभी नवयुवकों को साहित्य सृजन की प्रेरणा दी।