देवभूमि से पीएम मोदी का विशेष लगाव, सीएम धामी को खासकर पसंद करते हैं पीएम


देहरादून………………………BHVN……………….# प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव सर्वविदित है। पीएम मोदी अक्सर इन धामों के दर्शन हेतु उत्तराखंड पहुँचते हैं। पीएम के विजन के अनूरूप ही बद्रीनाथ एवं केदारनाथ में जहां मास्टर प्लान के तहत युद्ध स्तर पर निर्णय कार्य चल रहे हैं तो ऑल वेदर रोड ने इन धामों के लिए पहुँच को सुगम एवं सुलभ किया है।
देवभूमि के युवा मुख्यमंत्री धामी को भी पीएम मोदी खूब पसंद करते हैं। अक्सर दोनों में शिस्टाचार भेंट होती रहती है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज चारधामों के कपाट खुलने के उपरांत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट कीधामी ने प्रधानमंत्री को श्री केदारनाथ और श्री बद्रीनाथ धाम का प्रसाद, गंगा तुलसी, गंगोत्री यमुनोत्री, अलकनंदा और मंदाकिनी के गंगाजल के साथ ही रुद्राक्ष की माला भी भेंट की।
मुख्यमंत्री ने जब उन्हें अवगत कराया कि जोशीमठ में केंद्र सरकार के सहयोग से राहत कार्य तेजी से किए जा रहे हैं और वहां स्थिति सामान्य है तो एक बार फिर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जोशीमठ के संदर्भ में केंद्र सरकार से हर संभव सहयोग के प्रति धामी को आश्वस्त किया।
इस दौरान, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अक्टूबरध्नवम्बर 2023 में राज्य में प्रस्तावित इन्वेस्टर समिट के उद्घाटन के लिए समय दिए जाने के अनुरोध के साथ ही मानसखण्ड के अन्तर्गत विभिन्न मंदिरों के दर्शन, मायावाती आश्रम की यात्रा आदि कार्यक्रमों के लिए आने का न्यौता भी दिया।
लगे हाथ, मुख्यमंत्री ने राज्य में हवाई सेवाओं के त्वरित विकास हेतु भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य से सम्बन्धित मामलों के शीघ्र निस्तारण हेतु सम्बन्धित को निर्देशित करने का अनुरोध भी प्रधानमंत्री से किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 5 वर्षों में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को 5.5 लाख करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है। पर्यटन कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सेवा क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए माह अक्टूबर ध् नवम्बर 2023 में राज्य में इन्वेस्टमेंट समिट कराये जाने का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विश्व प्रसिद्ध चारधाम की तर्ज पर मानसखण्ड मन्दिर माला परियोजना प्रारंभ की गयी है। इसके अंतर्गत अन्तर्गत कुमाऊं मण्डल के महत्वपूर्ण पौराणिक एवं ऐतिहासिक स्थलों को सर्किट से परस्पर जोड़कर लोकप्रियता प्रदान की जायेगी।