एसआरएचयू में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता अभियान चलाया


एसआरएचयू में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता अभियान चलाया

  • नर्सिंग छात्रों ने पोस्टर प्रर्दशनी व नाटक के जरिये लोगों को किया जागरूक
    डोईवाला। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के हिमालयन कालेज ऑफ नर्सिंग के मेंटल हेल्थ विभाग की ओर से मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया।
    बुधवार को हिमालयन हॉस्पिटल की मनोचिकित्सक ओपीडी में आयोजित कार्यक्रम में नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने सिजोफ्रेनिया के लक्षण, बचाव व उपचार की जानकारी दी। इस अवसर पर मनोचिकित्सक डॉ. प्रियरंजन अविनाश ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण व जीवनशैली में योग ध्यान से जुड़ना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा जरूरी है, सही समय पर रोग की पहचान और जल्द से जल्द इलाज की शुरूआत की जाए। डॉक्टर की सलाह से दवाएं शुरू करने और नियमित सेवन करने से एक तिहाई मरीज सामान्य जीवन जीने में सक्षम हो जाते हैं। मरीज को प्रोत्साहित करना भी बेहद महत्वपूर्ण एवं जरूरी होता है। इस अवसर पर नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने पोस्टर प्रदर्शनी के जरिए लोगों को सिजोफ्रेनिया के लक्षण, बचाव व उपचार के बारे में बताया। उन्होंने वहां पर उपस्थित लोगों लोगों को बेहद कारगर तरीके से सिजोफ्रेनिया के उपचार की बारीकी से जानकारी दी। इस अवसर पर मेंटल हेल्थ विभागाध्यक्ष ग्रेस मैडोना सिंह ने बताया कि सिजोफ्रेनिया एक गंभीर जटिल मानसिक बीमारी है। यह रोग रोगी की कार्यक्षमता को प्रभावित करती है। जागरूकता और जानकारी के अभाव में सही समय पर चिकित्सा शुरू नहीं हो पाती और बीमारी जड़ जमाने लगती है।
    इस अवसर पर डॉ. रोबिन विक्टर, डॉ. अरविन्द्र सिंह ओलख, डॉ. रचित, जे मनोरंजनी, संध्या नेगी, जयंत, कृष्ण मोहन उपस्थित थे।
    सिजोफ्रेनिया के लक्षण
    इस बीमारी में रोगी को दृष्टिभ्रम, जल्दी-जल्दी मूड बदलने, किसी से बहुत अधिक ईर्ष्या करने की समस्याएं होती हैं।
    बीमरी की वजह
    यदि परिवार के कई लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं तो बच्चे के सिजोफ्रेनिक होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। दिमाग में हार्मोनल असंतुलन भी इसकी वजह हो सकती है। स्ट्रेस, पारिवारिक या तीव्र सामाजिक दबाव भी किसी व्यक्ति को इस बीमारी की ओर धकेल सकते हैं।