पूर्व प्रदेश अध्यक्ष की शासन से अपील ,जूनियर हाई स्कूल के शत प्रतिशत शिक्षक शिक्षिकाओं की एल0 टी0 समायोजन की मांग


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उतराखण्ड में लंबे समय से जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ जूनियर के शत प्रतिशत शिक्षक शिक्षिकाओं की एल०टी० समायोजन/त्रिस्तरीय कैडर की मांग करता आ रहा है, लेकिन आज तक सरकार के द्वारा यह मांग नहीं मानी गई है। आज प्रदेश में हजारों हजार उच्चीकृत जूनियर हाई स्कूल मझधार में बने हुए हैं, उच्चीकृत जूनियर हाई स्कूल आज भी धरातल पर पृथक-पृथक संचालित हो रहें हैं।जबकि विभाग व शासन के रिकार्ड में उच्चीकृत जूनियर हाई स्कूल कहीं भी नहीं हैं, इस असमंजस की स्थिति में आज जूनियर हाई स्कूलों में अनुदान से लेकर तमाम विभागीय वजट के नाम पर एक भी रूपया नहीं आ रहा है।एक कैंपस में दो तरह की व्यवस्थाएं बनी हैं।हाई स्कूल व इंटर कालेजों में अनुदान की राशि प्राप्त होने से तमाम संसाधन उपलब्ध हैं, वहीं उच्चीकृत जूनियर हाई स्कूलों में कतिपय उच्चीकृत विद्यालयों को छोड़कर अधिकांश उच्चीकृत विद्यालयों को अनुदान से लेकर तमाम मदों की धनराशि एक भी रूपया प्राप्त नहीं हो रही है,जिस कारण बच्चों का भविष्य अधर में बना हुआ है। एक ही कैंपस में दो तरह की व्यवस्था होने से जूनियर स्तर पर किसी भी मद से अनुदान प्राप्त नहीं होने पर बच्चों को खेल सामग्री से लेकर तमाम संसाधनों का अभाव बना है। जिस कारण बच्चें अपने को ठगा सा महसूस कर रहें हैं। उच्चीकृत जूनियर हाई स्कूलों में पठन -पाठन से लेकर तमाम भौतिक संसाधन सामग्री प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक शिक्षिकाएं अपने पैसों से क्रय कर विद्यालय चला रहें हैं। उतराखण्ड जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चौहान ने शासन व विभाग से समाचार पत्रों के माध्यम से मांग की है कि यथा शीध्र उच्चीकृत जूनियर हाई स्कूलों का मामला सुलझाया जाए, सुभाष चौहान ने यह भी कहा कि जूनियर के शत प्रतिशत अध्यापक अध्यापिकाओं का एल०टी० समायोजन किया जाए, जिसे उच्चीकृत जूनियर हाई स्कूलों की समस्या का जड़मूल समाधान हो सकता है। सुभाष चौहान ने शासन व विभाग से मांग की है कि यदि जूनियर हाई स्कूल के शत प्रतिशत शिक्षक शिक्षिकाओं का एल०टी०समायोजन नहीं होता है तो 14 नवंबर 2016 शासनादेश संख्या 1686 का कड़ाई से पालन कराया जाए ।सुभाष चौहान ने उतराखण्ड के उच्चीकृत जूनियर हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक प्रधानाध्यापिका व समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं से अपील की है कि जब तक उक्त समस्या का समाधान शासन व विभाग द्वारा पूर्णतया नहीं किया जाता,तब तक कोई भी उच्चीकृत जूनियर हाई स्कूलों से माध्यमिक को किसी भी प्रकार से विद्यालय का प्रभार नहीं सौंपेगें।सुभाष चौहान ने यह भी कहा कि यदि शासन प्रशासन द्वारा जबरन उच्चीकृत जूनियर हाई स्कूलों को माध्यमिक में विलय किया गया तो शिक्षकों को आंदोलन के लिए तैयार रहना चाहिए ।शिक्षकों से अपील है कि अनर्गल बयानबाजी से बचते हुए अपने संगठन के माध्यम से ही अपनी मांगो को मनवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाये।मेरा उतराखण्ड के सुयोग्य माननीय मुख्य मंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी व शिक्षा मंत्री श्री धनसिंह रावत जी से अनुरोध है कि समस्या का निराकरण करने के लिए संगठन को विश्वास में लेकर शिक्षकों के आक्रोश को समाप्त किया जाए।
सुभाष चौहान
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष
राजकीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ
उतराखण्ड