18 महीनों के अंतराल में चार पुल धराशायी, दो और चिंता के दायरे में

BHVN# डोईवाला विधानसभा के अंतर्गत बने कई सेतु व फ्लाईओवर अब तक धराशायी हो चुके हैं, जिससे लोगों को आवाजाही में परेशानी का सामना भी करना पड़ा। रोड़ कनेक्टिविटी के लिए बने पुल व फ्लाईओवर एक के बाद एक धराशायी होते गए।

सिर्फ 18 महीनों के अंदर ही डोईवाला के चार से ज्यादा मुख्य पुल क्षतिग्रस्त व धराशायी हुए हैं, जिसके टूटने के कारण किसी को नहीं पता। डोईवाला विधानसभा प्रदेश की राजधानी देहरादून से मात्र 20-25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जहां से होते हुए ही बाहरी राज्यों के लोग देहरादून में प्रवेश करते हैं।

काम समय में राजधानी पहुंचने के लिए व नदियों को पार करने तथा दुर्गम एवं ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए फ्लाईओवर व सेतु बनाए गए हैं लेकिन कुछ समय से लगातार यह पुल टूट रहे है।

जिसकी शुरुवात जून, 2021 से बड़ासी पुल का एक हिस्सा दहने से हुई।जिसके बाद से यह सिलसिला बरकरार है। बड़ासी पुल का हिस्सा दहने के दो महीने बाद 57 साल पुराना रानीपोखरी का पुल भी दो हिस्सों में बंट गया।

रानीपोखरी राष्ट्रीय राजमार्ग में बने नए पुल का कार्य सम्पन्न होने से पहले ही अगस्त 2022 में रायपुर–थानों पुल मालदेवता में बदल फटने के कारण सॉन्ग नदी में आई बाड़ से दह गया, मंजर काफी भयवाएं था।

इस घटना के चार माह के भीतर ही थानों के भोपालपानी में स्थित फ्लाईओवर भी बड़ासी फ्लाईओवर की तरह धराशायी हो गया। इसके अवाला भी विधानसभा के कई और बड़े–छोटे सेतु क्षतिग्रस्त व ध्वस्त हुए हैं।

जिसका कारण कुदरत की मार या घोटाले की आड़, दोनो ही कहा जा सकता है। परंतु बड़ासी व भोपालपानी पुल का दहन होना सीधा पुल की गुणवत्ता पर कई सवाल खड़े करता है।

जिसका कारण यह है की पुल बने सिर्फ तीन चार वर्ष का समय ही बीता था और पुल गिरने भी शुरू हो गए। जिसका सीधा इशारा लापरवाही और भ्रष्टाचार की ओर है। निर्माण के दौरान भी कई बार शिकायत मिलने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।


लच्छीवाला व मियांवाला का पुल भी हो सकता है ध्वस्त!!

डोईवाला। भाजपा की त्रिवेंद्र रावत सरकार के दौरान बना मियांवाला का फ्लाईओवर भी कुछ अच्छी स्थिति में नहीं है। देहरादून–हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने फ्लाईओवर पर आई दरारें और झुकाव के कारण, फ्लाईओवर की एप्रोच वाल व मुख्य सपोर्टिंग दीवार के पैनल (ब्लॉक) पर आर पार सरिए लगा कर सपोर्ट दिया गया है। वहीं लच्छीवाला फ्लाईओवर की स्थिति भी बहुत ठीक नही है। जबसे लच्छीवाला फ्लाईओवर भानियावाला फ्लाईओवर से जुड़ा है, तबसे इसमें झुकाव आने लगे और एक साइड से एप्रोच वाल पूरी तरह से दहने लगी। तब उस पर लोहे के एंगल लगाकर उसे सपोर्टिंग दिया और गिरने से बचाया। हालांकि, विभागीय सूत्रों का कहना है कि फ्लाईओवर को कोई खतरा नहीं है, यह पूरी तरह सुरक्षित है। लेकिन फ्लाईओवर को लेकर स्थानीय स्तर पर डर व आशंका का माहौल भी देखा जा रहा है। फ्लाईओवर के निर्माण की गुणवत्ता को लेकर आशंकाएं गहराई जा रही है। साथ ही यह दोनो पुल भी चिंता के दायरे में है की कब अगला हादसा हो जाए।