गैरसैंण#BHVN#……………….. वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 77407.08 करोड़ का बजट सदन में पेश किया। वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट प्रोत्साहित करने वाला है। इसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। वर्ष 2023 का उत्तराखंड सरकार के बजट में रोजगार, निवेश और पयर्टन पर फोकस किया गया है। कहा कि हम सुशासन की ओर बढ़ रहे हैं। इस बार जी-20 की मेजबानी मिली है। यह गर्व की बात है कि उत्तराखंड में तीन संगोष्ठियां होंगी।
वित्त मंत्री प्रेमचंद ने कहा कि बजट में युवाओं पर खास फोकस किया गया है। अब प्रदेश का युवा नौकरी करने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनेगा। बजट में स्वरोजगार योजना के लिए 40 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए उत्तराखंड के बजट में युवा शक्ति पर विशेष फोकस किया गया है। प्रदेश सरकार ने सश्क्त उत्तराखंड बनाने का संकल्प लिया है। इसी दिशा में बजट को तैयार किया गया है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बजट पेश करते हुए कहा कि उत्तराखंड को पर्यटन के क्षेत्र में नंबर वन बनाएंगे। उन्होंने स्थानीय उत्पादों के निर्यात को सरकार की पहली प्राथमिकता बताया। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की बात कही गई। सीएम धामी ने कहा कि यह बजट प्रोत्साहित करने वाला है। इसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि बजट को लेकर प्रदेश की जनता की कई उम्मीदें हैं, इसलिए जनता के सुझाव भी पूर्व में बजट में लिए गए थे। सीएम ने कहा कि बजट में रोजगार, निवेश और पयर्टन पर फोकस किया गया है। इस वर्ष के लिए 77407.08 करोड़ का बजट पेश किया गया है। बजट में सरकार ने कुछ विशेष क्षेत्र पर फोकस किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि 2025 में उत्तराखंड को देश का अग्रणीय राज्य बनाने की दिशा में सरकार का बजट अहम भूमिका निभाएगा।
लोक सेवा आयोग की तैयारी के लिए 50 हजार।
बजट में युवा शक्ति पर विशेष फोकस किया गया है।
मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन के लिए 11 करोड़ का प्रावधान
भर्तियों में घोटाला करने वालों के खिलाफ कड़े कानून।
NCC कैडेट का भत्ता बढ़ाया।
पिछड़ी जातियों की छात्राओं के लिए एक करोड़ 90 लाख छात्रवृत्ति का प्रावधान।
2025 तक राज्य को सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में काम।
जी-20 के लिए 100 करोड़ का प्रावधान।
बालिका साइकिल योजना के लिए 15 करोड़ का प्रवाधान।
उत्तराखंड का युवा नौकरी करेगा नहीं बल्कि देगा।
स्वरोजगार योजना के लिए 40 हजार करोड़ का प्रावधान।