घोड़े पर सवार अमर शहीद मेजर दुर्गामल्ल की प्रतिमा का अनावरण

BHVN# डोईवाला चौक पर घोड़े पर सवार शहीद मेजर दुर्गा मल्ल की प्रतिमा का अनावरण शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने किया। साथ ही 100 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का लोकार्पण भी किया।

गौरतलब है कि बीते वर्ष 25 अगस्त को शहीद दुर्गा मल्ल की 78वीं पुण्यतिथि पर उनकी मूर्ति व राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना के लिए भूमि पूजन मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा किया गया था। जिसका कार्य सम्पन्न होने में छह माह से अधिक का समय लगा।

बृहस्पतिवार को आयोजित कार्यक्रम का लोकार्पण कर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने शहीद के बलिदान को नमन किया और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि शहीद दुर्गा मल्ल शुरू से ही स्वाभिमानी, मेहनती और देश समर्पित रहे।

कैबिनेट मंत्री अग्रवाल ने कहा कि शहीद दुर्गामल्ल गोरखा समाज की दुर्दशा देखकर सदैव चिंतित और बेचैन रहते थे। वह सदैव देश की पराधीनता और दयनीय दशा के प्रति भी अत्यंत चिंतित रहा करते थे।

मंत्री अग्रवाल ने बताया की ब्रिटिश अधिकारियों ने उन्हें 25 अगस्त 1944 को फांसी के तख्ते पर चढ़ा दिया। कहा कि मात्र 31 वर्ष की आयु में शहीद दुर्गा मल्ल ने अपने प्राणों की आहूति दी और अमर हो गए।

इस अवसर पर डोईवाला विधायक बृज भूषण गैरोला, नगर पालिका अध्यक्ष डोईवाला सुमित्रा मनवाल, अधिशासी अधिकारी उत्तम सिंह नेगी, गोरखाली सुधार सभा के अध्यक्ष पदम सिंह थापा, अध्यक्ष वीर गोरखा कल्याण समिति कमल थापा, सभासद गौरव मल्होत्रा, ईश्वर रौथाण, विनय जिंदल, भारत गुप्ता आदि लोग मौजूद रहे।


राष्ट्रीय ध्वज से बढ़ेगी डोईवाला की शोभा : अग्रवाल

डोईवाला। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि डोईवाला में 100 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज क्षेत्र की शोभा बढ़ाएगा। कहा की यह क्षेत्र वासियों के लिए गौरव की बात है। राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश की आन, बान और शान का प्रतीक है। कहा कि राष्ट्रीय ध्वज के तीन रंग और बीच में बना अशोक चक्र देशवासियों को संदेश देता है। उन्होंने बताया कि हमारा ध्वज तीन रंगों में केसरिया रंग ‘शक्ति और साहस’ का, सफेद रंग शांति और सच्चाई का और हरा रंग धरती की उर्वरता, वृद्धि और शुभता का प्रतीक है। बताया कि इसके अलावा ध्वज के बीचों-बीच सफेद रंग की पट्टी में सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ से लिए गए 24 तीलियां बने नीले रंग के चक्र को दर्शाया गया है, जो यह दर्शाता है कि ‘गति में जीवन है तथा स्थायित्व में मृत्यु’ और यह जीवन की गतिशीलता का संदेश देता है।