महंत इंद्रेश अस्पताल में फैनेस्ट्रेटेड इवार तकनीक से पहली सफल हार्ट सर्जरी

देहरादून#BHVN

महंत इन्दिरेश अस्पताल की सी.टी.वी.एस. (काॅर्डियो थोरेसिक वैस्क्युलर सर्जरी) विभाग एवम इंटरवेंशनल रेडियोलाॅजी विभाग ने मिलकर राज्य की पहली फैनेस्ट्रेटेड ईवार की सफल सर्जरी की है। हाईब्रिड आपरेशन थियेटर में हुई अति संवेदनशील वैस्क्युलर सर्जरी से मरीज को नया जीवन मिला है। यह आपरेशन इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि मरीज की एक किडनी नहीं थी, व दूसरी किडनी काफी कमजोर थी। आपरेशन के बाद मरीज के स्वास्थ्य में सुधार है व उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने सीटीवीएस व इंटरवेंशनल रेडियोलाॅजी टीम को बधाई दी।
मिली जानकारी के अनुसार रुड़की निवासी 58 वर्षीय महिला वरीसा को दिल, गुर्दे व आंत को जोड़ने वाली मुख्य धमनी में सूजन थी। मेडिकल भाषा में इसे एओर्टा एन्युरिज्म (मुख्य धमनी की सूजन) कहा जाता है। मुख्य धमनी में सूजन की वजह से मरीज को पेट में असहनीय दर्द और अनियंत्रित उच्च रक्तचाप की शिकायत थी, समय रहते उपचार न मिलने पर मुख्य धमनी के फटने की भी सम्भावना बन रही थी। यह मरीज के लिए जानलेवा हो सकता था, जिससे अचानक मृत्यु होने जाने का खतरा था। सामान्य तकनीक से इस बीमारी के उपचार की सर्जरी में बड़ा चीरा लगाकर बड़ा आपरेशन करना पड़ता है।
महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ काॅर्डियो थोरेसिक वैस्क्युलर सर्जन एवम् विभागाध्यक्ष डाॅ अरविंद मक्क्ड़ व इंटरवेंशनल रेडियोलाॅजी प्रमुख डाॅ प्रशांत सारड़ा व उनकी टीम ने मिलकर मरीज का नई तकनीक से सफल आपरेशन किया। मुख्य धमनी को बदला गया व धमनी की शाखाओं को रिपेयर किया गया। विदेशों में व देश के मैट्रो शहरों के नामचीन अस्पतालांे में ही यह तकनीक उपलब्ध है। सामान्य तकनीक की तुलना में यह तकनीक मरीज के लिए ज्यादा कारगर है। क्योंकि इस तकनीक के आपरेशन में मरीज को छोटा चीरा, कम तकलीफ, जल्द रिकवरी, आपरेशन के दौरान होने वाला रिस्क भी कम रहता है। वरिष्ठ काॅर्डियो थोरेसिक वैस्क्युलर सर्जन डाॅ अरविंद मक्क्ड़ व इंटरवेंशनल रेडियोलाॅजी प्रमुख डाॅ प्रशांत सारडा ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में फैनेस्ट्रेटेड ईवार विद चिमनी तकनीक का यह पहला आपरेशन है जो कि सफल रहा।