केंद्रीय बजट कार्यक्रम के जिला संयोजक सी.ए. राजेश्वर पैन्यूली ने कहा कि भारत के अमृत काल में पहले बजट ने विकसित भारत की आकांक्षाओं और संकल्पों को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि यह बजट वंचितों को वरीयता देता है और आकांक्षी समाज, गरीबों, गांवों और मध्यम वर्ग के सपनों को साकार करने का प्रयास करता है।
शुक्रवार को बीजेपी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में पैन्यूली ने
कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाया गया बजट-2023 अमृतकाल की मजबूत आधारशिला रखने वाला बजट है। यह सर्वसमावेशी और दूरदर्शी बजट हर वर्ग को साथ लेकर चलने वाली मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को और गति देगा। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी। कहा कि बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर में 33 % की वृद्धि करते हुए उसे 10 लाख करोड़ रुपये करना और फिस्कल डेफिसिट को 5.9 % रखने का लक्ष्य सरहनीय है। यह मोदी सरकार की सशक्त बुनियादी ढांचे और मजबूत अर्थव्यवस्था वाले नया भारत बनाने की दूरदर्शिता को दर्शाता है।
कहा कि मध्यम व वेतनभोगी वर्ग को टैक्स में बड़ी रहत देने के लिए पीएम मोदी का आभार। टैक्स रिबेट को 5 लाख रुपये से बढ़ा कर 7 लाख रुपये करना और टैक्स स्लैब में किये गए अभूतपूर्व बदलाव से मध्यम वर्ग को बहुत राहत मिलेगी।
कहा कि किसी भी देश के उज्जवल भविष्य की नींव उसकी शिक्षित व कौशलवान युवा पीढ़ी होती है। युवाओं को किताबें उपलब्ध कराने के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने का निर्णय स्वागत है।
कहा कि इस बजट में कृषि ऋण को बढ़ा कर 20 लाख करोड़ रुपये किया गया है। युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाया जाएगा। साथ ही अगले 3 वर्षों तक 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती करने में मदद की जाएगी और 10 हजार Bio Input resource centre बनाए जाएंगे।
कहा कि रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है जो सुदूर क्षेत्रों को रेलवे से जोड़ेगा। साथ ही देश में 50 एयरपोर्ट, हेलीपोर्टों, एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स के पुनरुद्धार का निर्णय रीजनल एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
कहा कि इस बजट में देश के पारंपरिक कारीगरों व शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना की शुरुआत का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय विश्वकर्माओं को अपने उत्पादों की गुणवत्ता और मार्केट तक पहुंच बढ़ाने में सक्षम बनाने के साथ उनके जीवन में बड़ा बदलाव लाएगा।
कहा कि यह बजट 7 प्राथमिकताओं- समावेशी विकास, सुदूर क्षेत्र तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा व निवेश, क्षमता को सामने लाना, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्त क्षेत्र को अपनाता है, जो एक दूसरे के पूरक हैं और एक सप्त ऋषि के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि ‘सबका साथ, सबका प्रयास’ के माध्यम से ‘जनभागीदारी’ जरूरी है, अमृत काल के लिए हमारी सोच में मजबूत सार्वजनिक वित्त व एक मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ एक तकनीक-संचालित और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था शामिल है।
बजट में ‘नए भारत’ की समृद्धि का संकल्प है, अंत्योदय का विजन है, 130 करोड़ देश वासियों की सेवा का लक्ष्य रखा गया है।