रुद्रप्रयाग#BHVN
केदारनाथ में लगभग साढ़े तीन फीट बर्फ जमा हो चुकी है। इस दौरान केदारपुरी में अधिकतम पारा माइनस 10 डिग्री सेल्सियस रहा। धाम में बीते बुधवार से बर्फबारी शुरू हो गई थी जिससे पुनर्निर्माण कार्य भी ठप हैं। वहीं, खराब मौसम के कारण धाम से सभी मजदूर सोनप्रयाग लौट आए हैं। अब धाम में पुलिस व आईटीबीपी के जवानों के साथ ही कुछ साधू-संत रह गए हैं।
रविवार को केदारनाथ में सुबह से बादलों के बीच हल्की धूप खिली रही। दिन चढ़ने के साथ यहां मौसम में सुधार हुआ। इस दौरान कार्यदायी संस्था वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के शेष 47 मजदूर भी टीम प्रभारी कैप्टन (सेवानिवृत्त) सोबन सिंह बिष्ट के नेतृत्व में वापस लौट गए। तीन दिन पूर्व ही कंपनी के 49 मजदूर धाम से लौट आए थे। टीम प्रभारी बिष्ट ने बताया कि केदारनाथ में पिछले एक सप्ताह से मौसम खराब चल रहा है, जिस कारण पिछले चार दिनों से कई बार रुक-रुककर बर्फबारी हो चुकी है। धाम में बर्फ के चलते पुनर्निर्माण कार्य ठप हैं। बीते शनिवार को मजदूरों के द्वारा बर्फ को काटकर आवाजाही के लिए रास्ता बनाया गया था, लेकिन इन हालातों में वहां काम करना मुश्किल है। मौसम में सुधार होने व बर्फ पिघलने पर ही पुनर्निर्माण कार्य फिर से शुरू हो पाएंगे। उन्होंने बताया कि डीडीएमए सहित अन्य कार्यदायी संस्थाओं के मजदूर जनवरी पहले सप्ताह में ही केदारनाथ से नीचे आ गए थे। अब, केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिए आईटीबीपी की प्लाटून के साथ ही पुलिस के जवान ही मौजूद हैं।
रविवार को केदारनाथ में सुबह से बादलों के बीच हल्की धूप खिली रही। दिन चढ़ने के साथ यहां मौसम में सुधार हुआ। इस दौरान कार्यदायी संस्था वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के शेष 47 मजदूर भी टीम प्रभारी कैप्टन (सेवानिवृत्त) सोबन सिंह बिष्ट के नेतृत्व में वापस लौट गए। तीन दिन पूर्व ही कंपनी के 49 मजदूर धाम से लौट आए थे। टीम प्रभारी बिष्ट ने बताया कि केदारनाथ में पिछले एक सप्ताह से मौसम खराब चल रहा है, जिस कारण पिछले चार दिनों से कई बार रुक-रुककर बर्फबारी हो चुकी है। धाम में बर्फ के चलते पुनर्निर्माण कार्य ठप हैं। बीते शनिवार को मजदूरों के द्वारा बर्फ को काटकर आवाजाही के लिए रास्ता बनाया गया था, लेकिन इन हालातों में वहां काम करना मुश्किल है। मौसम में सुधार होने व बर्फ पिघलने पर ही पुनर्निर्माण कार्य फिर से शुरू हो पाएंगे। उन्होंने बताया कि डीडीएमए सहित अन्य कार्यदायी संस्थाओं के मजदूर जनवरी पहले सप्ताह में ही केदारनाथ से नीचे आ गए थे। अब, केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिए आईटीबीपी की प्लाटून के साथ ही पुलिस के जवान ही मौजूद हैं।