देहरादून स्थित बुद्धा टेंपल सैलानियों का आकर्षण का केंद्र है। महात्मा बुद्ध का नाम आते ही प्रेम, शांति, दया और करूणा के मूरत सामने उभर जाती है। इसी गुणों से देश ही नहीं विदेश के लोगों को भी आकर्षित किया। जिससे वे बौद्ध धर्म के बताये मार्ग पर खिंचे चले आये। देश-विदेश के पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। हरे-भरे बगीचे के बीच स्थित ये मंदिर यहां आने वाले लोगों को भगवान गौतम बुद्ध का संदेश भी देता है और शांति भी। यहां आकर जिस आध्यात्मिक सुकून का अहसास होता है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। ये तीन मंजिला बौद्ध मठ मेंड्रोलिंग बुध मोनेस्ट्री के नाम से प्रसिद्ध है। जो कि दुनिया के 6 प्रसिद्ध मठों में से एक है। मेंड्रोलिंग मठ तिब्बती धर्म के चार विद्यालयों में से एक हैं। जिसे निंगमा नाम से जाना जाता है।
बुद्धा टेंपल का निर्माण साल 1965 में शुरू हुआ था। बौद्ध मंदिर का निर्माण प्रसिद्ध “कोहेन रिनपोछे” और बौद्ध धर्म के धर्म की रक्षा और संस्कृति को बढ़ावा देने और संरक्षण के लिए कई अन्य भिक्षुओं द्वारा किया गया था। इसकी स्थापना का उद्देश्य बौद्ध धर्म की संस्कृति के प्रसार के साथ ही शांति का संदेश विश्व के जन-जन तक पहुंचाना है। बौद्ध भिक्षु बनने के लिए बच्चे अलग-अलग क्षेत्रों से यहां आते हैं। उनकी शिक्षा-दिक्षा का इंतजाम मठ करता है। छात्रों से किसी तरह की फीस नहीं ली जाती। इस बौद्ध मठ में आपको जापानी वास्तुकला की झलक मिलेगी। यहां भगवान बुद्ध के साथ ही गुरु पद्मसंभव की विशाल प्रतिमाएं हैं। मठ के अंदर बुद्ध की 103 फिट ऊंची प्रतिमा है, जो पर्यटकों को आकर्षित करती है। हर साल देश-विदेश से हजारों पर्यटक बुद्धा टेंपल के जादुई अहसास को महसूस करने देहरादून पहुंचते हैं।