मूल निवासियों पर हमलों के खिलाफ यूकेडी का बड़ा प्रदर्शन 

पहाड़ से रोजगार के लिए मैदानी इलाकों में आने वाले उत्तराखंड के युवकों पर लगातार प्राणघातक हमलो से आक्रोशित यूकेडी ने आज देहरादून में बड़ा प्रदर्शन किया।

 यूकेडी कार्यकर्ताओं ने आज गांधी पार्क से घंटाघर तक जुलूस निकाला और घंटाघर पर सरकार का पुतला फूंका।

 जुलूस में शामिल कार्यकर्ता मूल निवास लागू करने को लेकर और मूल निवासियों पर हमलों को और आगे न सहने को लेकर जमकर नारेबाजी कर रहे थे।

 उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि पहाड़ों से देहरादून तथा अन्य मैदानी जिलों में रोजगार की तलाश में आने वाले युवक मैदानी क्षेत्रों में आपराधिक तत्वों का निशाना बन रहे हैं।

 सेमवाल ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन अपराधियों को बचाने का काम कर रहे हैं, अथवा पीड़ित परिवारों पर ही समझौता करने का दबाव डालकर हतोत्साहित कर रहे हैं।

यूकेडी नेता शक्ति शैल कपरुवान ने कहा कि इस तरह के हमले सहन नहीं किए जाएंगे और यदि उत्तराखंड के लोगों ने कानून अपने हाथ में लिया तो फिर इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार और शासन प्रशासन की होगी।

 यूकेडी के मुख्य प्रवक्ता अनुपम खत्री ने कहा कि हमलों के खिलाफ उत्तराखंड के सभी मूल निवासियों को एकजुट होने की जरूरत है।

केंद्रीय महामंत्री मोहन असवाल ने बताया कि इस दौरान देवप्रयाग में हमले का शिकार हुए एक युवक अनिल के परिजनों के साथ यूकेडी कार्यकर्ता पुलिस महानिदेशक से भी मिले और मृतक अनिल के हत्यारों को तत्काल गिरफ्तार करने को लेकर मांग पत्र भी सौंपा।

महिला नेत्री ऊषा चौहान ने बताया कि पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने प्रदर्शनकारियों को उचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया।

यूकेडी केंद्रीय अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल  ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ भाजपा सरकार का नकारात्मक रवैया आश्चर्यजनक है जबकि भाजपा पूरे देश में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” का नारा बुलंद करते हुए नहीं  थकती।

यूकेडी युवा मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष लूशुन टोडरिया  ने कहा कि उत्तराखंड के मूल निवासी होने के बावजूद सरकार ने मूल निवास प्रमाण पत्र देना बंद कर रखा है तथा अस्थाई निवास प्रमाण पत्र दिया जा रहा है इसका यूकेडी विरोध करेगा।

युवा नेता सूर्या रावत ने कहा कि मैदानी क्षेत्रों में उत्तराखंड के लोगों पर बढ़ते अपराध से पहाड़ की युवा बहुत आक्रोशित है और यदि वे लोग सड़कों पर उतरे तो उनको संभालना सरकार के लिए बहुत मुश्किल होगा।

ये रहे मुख्य रूप से शामिल 

इस मौके पर कार्यकारी अध्यक्ष शक्ति शैल कपरुवान, एपी जुयाल, केंद्रीय श्रमिक संगठन के अध्यक्ष शांति भट्ट, महिला मोर्चा की महामंत्री मधु सेमवाल, युवा मोर्चा के अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट, उपाध्यक्ष जय प्रकाश उपाध्याय, कार्यकारी अध्यक्ष किरण कश्यप, पूर्व महानगर अध्यक्ष दीपक रावत, सूर्या रावत,मनोज नेगी,आशीष, अभिषेक डंगवाल, ह्रदयेश शाही, सुलोचना ईष्टवाल, उतरा पंत, राजेन्द्र प्रधान, राजेन्द्र गुसाईं, मीनाक्षी घिल्डियाल ,मधु सेमवाल,मंजू रावत, सरोज महर ,दिब्या चौहान ,नैना लखेडा़, मीना थपलियाल, अंजू रावत, इंद्रा देबी कुकरेती ,आरती सती, मधु गोयल ,राजेश्वरी रावत, ऊषा चौहान , नीलम लखेड़ा, सुनील ध्यानी, राजेश्वरी रावत, आदि दर्जनों कार्यकर्ता शामिल थे।