देहरादून
स्पिक मैके ने आज राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, माजरी ग्रांट में पार्थाे रॉय चौधरी द्वारा संतूर कार्यशाला की मेजबानी करी। कार्यशाला के दौरान उनके साथ तबले पर पंडित अजय मिश्रा मौजूद रहे। कार्यक्रम का आयोजन एसआरएफ फाउंडेशन के सहयोग से किया गया था। वर्कशॉप-डेमो स्पिक मैके का एक विशेष मॉड्यूल है, जहां कलाकार छात्रों को न केवल अपनी कला प्रस्तुति देते हैं बल्कि उनको प्रशिक्षण भी देते हैं।
पार्थाे चौधरी ने अलग-अलग राग प्रस्तुत किये और कुछ गाने और भजन भी गाये जिनमें श्जागो मोहन प्यारेश् और श्रघुपति राघव राजा रामश् शामिल थे।
अपने सप्ताह भर के सर्किट के दौरान, उन्होंने केशवपुरी, डोईवाला, मियावाला, बंजारावाला, लालतप्पड़, राजीव नगर, और मेहुवाला में कई सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भी प्रस्तुति दी। पार्थाे रॉय चौधरी भारत के आगामी संतूर वादकों में से एक हैं। 2 जून 1983 को वाराणसी में जन्में पार्थाे को पांच साल की उम्र में संतूर में दीक्षित किया गया था। इसके बाद उन्होंने अपने पिता कुमार शंकर रॉय चौधरी (सरोद वादक) और बनारस घराने के पंडित महादेव मिश्रा (गायक) के संरक्षण में गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया। पार्थाे ने कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल से पीएचडी. किया है, प्रयाग संगीत समिति से संतूर में स्वर और संगीत प्रवीण में एम.ए. किया है, और आकाशवाणी के बी उच्च श्रेणी के कलाकार भी हैं। वह वर्तमान में देहरादून के द दून स्कूल में संगीत विभाग के प्रमुख हैं।
पार्थाे चौधरी ने अलग-अलग राग प्रस्तुत किये और कुछ गाने और भजन भी गाये जिनमें श्जागो मोहन प्यारेश् और श्रघुपति राघव राजा रामश् शामिल थे।
अपने सप्ताह भर के सर्किट के दौरान, उन्होंने केशवपुरी, डोईवाला, मियावाला, बंजारावाला, लालतप्पड़, राजीव नगर, और मेहुवाला में कई सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भी प्रस्तुति दी। पार्थाे रॉय चौधरी भारत के आगामी संतूर वादकों में से एक हैं। 2 जून 1983 को वाराणसी में जन्में पार्थाे को पांच साल की उम्र में संतूर में दीक्षित किया गया था। इसके बाद उन्होंने अपने पिता कुमार शंकर रॉय चौधरी (सरोद वादक) और बनारस घराने के पंडित महादेव मिश्रा (गायक) के संरक्षण में गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया। पार्थाे ने कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल से पीएचडी. किया है, प्रयाग संगीत समिति से संतूर में स्वर और संगीत प्रवीण में एम.ए. किया है, और आकाशवाणी के बी उच्च श्रेणी के कलाकार भी हैं। वह वर्तमान में देहरादून के द दून स्कूल में संगीत विभाग के प्रमुख हैं।