एसटीएफ ने ऋषिकेश सीएससी सेन्टर से दबोचा
-मोटी रकम लेकर बनाते थे फर्जी आईडी
ऋषिकेश #BHVN #
एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की टीम ने ऋषिकेश में वीरभद्र रोड स्थित सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) में छापा मारा। छापेमारी में फर्जी वोटर कार्ड और आधार कार्ड की खेप बरामद हुई है। सीएससी सेन्टर में बाहरी राज्यों व नेपाल मूल के लोगों के फर्जी वोटर कार्ड व आधार बनाने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपी पैसे लेकर धड़ल्ले से उत्तराखंड से बाहरी लोगों और नेपाल मूल के लोगों का उत्तराखंड का आधार कार्ड बनाते थे। एसटीएफ की टीम ने सीएससी से लक्ष्मण सिंह सैनी, बाबू सैनी और भरत सिंह को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ तीनों पर पिछले काफी दिनों से नजर रख रही थी। एसटीएफ ने तीनों के पास से 640 ब्लैंक प्लास्टिक कार्ड, 200 लेमिनेशन कवर, 28 वोटर आईडी, 68 आधार कार्ड, 17 पैन कार्ड, 7 आयुष्मान कार्ड के साथ कई इलेक्ट्रॉनिक सामान को बरामद किया है। गिरफ्तार आरोपियों से एसटीएफ पूछताछ कर रही है।
एसटीएफ के मुताबिक, तीनों आरोपी लक्ष्मण सिंह सैनी, बाबू सैनी और भरत सिंह ऋषिकेश के ही रहने वाले हैं। सीएससी पिछले 4 साल से चल रहा था। लक्ष्मण सिंह सैनी ही सीएससी चला रहा था। जबकि दोनों उसके साथ काम कर रहे थे। फिलहाल एसटीएफ तीनों आरोपियों को देहरादून पूछताछ के लिए ले गई है। एसटीएफ अब ये जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर अब तक कितने नेपाल मूल के लोगों के आधार व अन्य कार्ड उत्तराखंड के नाम से ये तीनों आरोपी बना चुके हैं। एसटीएफ ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में अब तक इनके द्वारा कितने लोगों का कार्ड बनाया गया है इसकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है। आपको बता दें कि इस तरह की फर्जीवाड़े के जरिए अगर कोई अपनी पहचान बदल कर देहरादून राजधानी या हरिद्वार में रह रहा होगा तो कितना नुकसान हो सकता है इसकी गंभीरता समझ सकते हैं। एसटीएफ भी मानती है कि ये बेहद ही गंभीर मामला है जिससे निपटना बेहद जरूरी है। यही कारण है कि इस मामले की जांच में एसटीएफ काफी दिनों से जुटी है। इसलिए इस मामले की जांच गहराई से की जा रही है। आरोपी को गिरफ्तार करने वाली एसटीएफ की टीम में पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा, निरीक्षक यशपाल बिष्ट निरीक्षक, उपनिरीक्षक विपिन बहुगुणा, नरोत्तम बिष्ट हेड कांस्टेबल देवेंद्र ममगाईं, प्रमोद, संदेश, रवि पंत व कांस्टेबल कादर खान शामिल रहे।
एसटीएफ के मुताबिक, तीनों आरोपी लक्ष्मण सिंह सैनी, बाबू सैनी और भरत सिंह ऋषिकेश के ही रहने वाले हैं। सीएससी पिछले 4 साल से चल रहा था। लक्ष्मण सिंह सैनी ही सीएससी चला रहा था। जबकि दोनों उसके साथ काम कर रहे थे। फिलहाल एसटीएफ तीनों आरोपियों को देहरादून पूछताछ के लिए ले गई है। एसटीएफ अब ये जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर अब तक कितने नेपाल मूल के लोगों के आधार व अन्य कार्ड उत्तराखंड के नाम से ये तीनों आरोपी बना चुके हैं। एसटीएफ ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में अब तक इनके द्वारा कितने लोगों का कार्ड बनाया गया है इसकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है। आपको बता दें कि इस तरह की फर्जीवाड़े के जरिए अगर कोई अपनी पहचान बदल कर देहरादून राजधानी या हरिद्वार में रह रहा होगा तो कितना नुकसान हो सकता है इसकी गंभीरता समझ सकते हैं। एसटीएफ भी मानती है कि ये बेहद ही गंभीर मामला है जिससे निपटना बेहद जरूरी है। यही कारण है कि इस मामले की जांच में एसटीएफ काफी दिनों से जुटी है। इसलिए इस मामले की जांच गहराई से की जा रही है। आरोपी को गिरफ्तार करने वाली एसटीएफ की टीम में पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा, निरीक्षक यशपाल बिष्ट निरीक्षक, उपनिरीक्षक विपिन बहुगुणा, नरोत्तम बिष्ट हेड कांस्टेबल देवेंद्र ममगाईं, प्रमोद, संदेश, रवि पंत व कांस्टेबल कादर खान शामिल रहे।