मंत्री जोशी ने संदेश के जरिए गढ़वाल राइफल्स पूर्व सैनिक एसोसियेशन के सभी पदाधिकारियों को आयोजन के लिए दी बधाई
देहरादून
गढ़वाल राइफल्स पूर्व सैनिक श्रम संविदा स्वायत्त सहकारिता द्वारा देहरादून के महिंद्रा ग्राउंड पूर्व सैनिक मिलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह (से. नि.) एवं पूर्व उप थल सेना प्रमुख ले.जनरल शरत चंद (से.नि.) ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम में वीर नारियों, पदक विजेताओं एवं युद्ध में घायल सैनिकों को सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने समारोह में गढ़वाल राईफल्स की वीर नारियों, पदक विजेताओं व सभी पूर्व सैनिकों से मुलाकात करते हुए उनका हालचाल जाना।
समारोह में राज्यपाल ने आयोजकों को सुंदर आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस समारोह में सम्मिलित होकर एक परिवार जैसा अनुभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि गढ़वाल राईफल्स की 135 वर्षों के स्वर्णिंम इतिहास इसके वीर जवानों की वीरता और पराक्रम के लिए जाना जाता है। राज्यपाल ने कहा कि गढ़वाल राईफल्स के ही गौरव महावीर चक्र विजेता अमर शहीद, बाबा जसवंत सिंह उत्तराखण्ड की इसी धरती पर जन्में हैं जिन्हें अपनी वीरता और शौर्य के लिए आज भी पूजा जाता है। उनकी अविस्मरणीय वीरगाथा आज भी हमें प्रेरणा देती है। राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक सैनिक की समस्या मेरी समस्या है। मुझे खुशी होगी कि आपकी किसी समस्या के समाधान में काम आ सकूं। उन्होंने कहा कि वीरांगनाओं, पदक विजेताओं और घायल सैनिकों हेतु राजभवन के दरवाजे सदैव खुले हैं, वे बिना किसी आपइंटमेंट के अपनी समस्याएं बता सकते हैं। उन्होंने कहा पूर्व सैनिकों की समस्याओं के निराकरण हेतु राजभवन द्वारा एक शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति भी की गई है।
वहीं कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी किसी कारणवस उपस्थित नहीं हो सके। मंत्री ने अपने संदेश के जरिए कहा कि गढ़वाल राइफल्स पिछले 135 वर्षांे से अनवरत देशसेवा में लगी है और मुझे खुशी है कि मुझे भी इसका हिस्सा बनने का अवसर मिला । उन्होंने राज्यपाल ले0 जनरल गुरमीत सिंह और ले0 जनरल शरत चंद साहब का आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने हजारों मील की दूरी को तय करते हुए इस कार्यक्रम के लिए हमें अपना समय दिया। मंत्री जोशी ने अपने संदेश में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार उत्तराखण्ड में चार धाम के साथ-साथ पांचवा सैन्यधाम भी बन रहा है, यह पूरे देश के लिए गौरव की बात है। देहरादून में भव्य सैन्यधाम का निर्माण प्रगति पर है और दिसम्बर 2023 तक इसका निर्माण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने वन रैंक वन पेंशन के वादे को पूर्ण करने काम किया है। मुझे यह बताते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि कल ही केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में ओआरओपी को संसोधित करते हुए अब ष्इसका लाभ शहीद सैनिकों की विधवाओं, दिव्यांग पेंशनरों सहित पारिवारिक पेंशनरों को भी दिया जाऐगा।” देश के लगभग 25 लाख लोग इससे लाभान्वित होंगे ।
पूर्व उप थल सेना प्रमुख ले.जनरल शरत चंद (से.नि.) ने कहा की इस कार्यक्रम के माध्यम से यहां पर पूर्व सैनिकों का मिलन हुआ, इसके लिए गढ़वाल राइफल्स पूर्व सैनिक एसोसियेशन की सभी पल्टनों के अध्यक्ष बधाई के पात्र हैं। उन्होंने सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी का भी धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर पूर्व उप थल सेना प्रमुख ले.जनरल शरत चंद (से.नि.) मेजर एसपीएस कर्नवाल, ले.कर्नल डीपीएस कठेत, कैप्टन धनीराम नैनवाल, सूबेदार मेजर तीरथ सिंह रावत, कैप्टन आनंद सिंह राणा, कैप्टन बीएस कुंवर, कैप्टन मदन सिंह गाड़िया, कैप्टन सुदामा सिंह, कैप्टन प्यार सिंह, नारायण दत्त, गिरीश जोशी, महावीर सहित हज़ारो पूर्व सैनिक और उनके परिजन उपस्थित रहे।
समारोह में राज्यपाल ने आयोजकों को सुंदर आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस समारोह में सम्मिलित होकर एक परिवार जैसा अनुभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि गढ़वाल राईफल्स की 135 वर्षों के स्वर्णिंम इतिहास इसके वीर जवानों की वीरता और पराक्रम के लिए जाना जाता है। राज्यपाल ने कहा कि गढ़वाल राईफल्स के ही गौरव महावीर चक्र विजेता अमर शहीद, बाबा जसवंत सिंह उत्तराखण्ड की इसी धरती पर जन्में हैं जिन्हें अपनी वीरता और शौर्य के लिए आज भी पूजा जाता है। उनकी अविस्मरणीय वीरगाथा आज भी हमें प्रेरणा देती है। राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक सैनिक की समस्या मेरी समस्या है। मुझे खुशी होगी कि आपकी किसी समस्या के समाधान में काम आ सकूं। उन्होंने कहा कि वीरांगनाओं, पदक विजेताओं और घायल सैनिकों हेतु राजभवन के दरवाजे सदैव खुले हैं, वे बिना किसी आपइंटमेंट के अपनी समस्याएं बता सकते हैं। उन्होंने कहा पूर्व सैनिकों की समस्याओं के निराकरण हेतु राजभवन द्वारा एक शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति भी की गई है।
वहीं कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी किसी कारणवस उपस्थित नहीं हो सके। मंत्री ने अपने संदेश के जरिए कहा कि गढ़वाल राइफल्स पिछले 135 वर्षांे से अनवरत देशसेवा में लगी है और मुझे खुशी है कि मुझे भी इसका हिस्सा बनने का अवसर मिला । उन्होंने राज्यपाल ले0 जनरल गुरमीत सिंह और ले0 जनरल शरत चंद साहब का आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने हजारों मील की दूरी को तय करते हुए इस कार्यक्रम के लिए हमें अपना समय दिया। मंत्री जोशी ने अपने संदेश में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार उत्तराखण्ड में चार धाम के साथ-साथ पांचवा सैन्यधाम भी बन रहा है, यह पूरे देश के लिए गौरव की बात है। देहरादून में भव्य सैन्यधाम का निर्माण प्रगति पर है और दिसम्बर 2023 तक इसका निर्माण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने वन रैंक वन पेंशन के वादे को पूर्ण करने काम किया है। मुझे यह बताते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि कल ही केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में ओआरओपी को संसोधित करते हुए अब ष्इसका लाभ शहीद सैनिकों की विधवाओं, दिव्यांग पेंशनरों सहित पारिवारिक पेंशनरों को भी दिया जाऐगा।” देश के लगभग 25 लाख लोग इससे लाभान्वित होंगे ।
पूर्व उप थल सेना प्रमुख ले.जनरल शरत चंद (से.नि.) ने कहा की इस कार्यक्रम के माध्यम से यहां पर पूर्व सैनिकों का मिलन हुआ, इसके लिए गढ़वाल राइफल्स पूर्व सैनिक एसोसियेशन की सभी पल्टनों के अध्यक्ष बधाई के पात्र हैं। उन्होंने सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी का भी धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर पूर्व उप थल सेना प्रमुख ले.जनरल शरत चंद (से.नि.) मेजर एसपीएस कर्नवाल, ले.कर्नल डीपीएस कठेत, कैप्टन धनीराम नैनवाल, सूबेदार मेजर तीरथ सिंह रावत, कैप्टन आनंद सिंह राणा, कैप्टन बीएस कुंवर, कैप्टन मदन सिंह गाड़िया, कैप्टन सुदामा सिंह, कैप्टन प्यार सिंह, नारायण दत्त, गिरीश जोशी, महावीर सहित हज़ारो पूर्व सैनिक और उनके परिजन उपस्थित रहे।