देहरादून
उत्तराखंड विधानसभा से 2016 के बाद के भर्ती कर्मचारियों की बर्खास्त किये जाने पर कर्मचारियों का विधानसभा के सामने धरना दूसरे दिन भी जारी रहा, जिसे उत्तराखंड क्रांति दल समर्थन दिया गया।
इस अवसर पर दल के केंद्रीय अध्यक्ष श्री काशी सिंह ऐरी जी ने स्पष्ट कहाँ हैं कि विधानसभा मे 2016 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों कि बर्खास्ती सरकार व विधानसभा अध्यक्ष का विवेकहीन निर्णय हैं, श्री ऐरी जी ने कहाँ कि जब राज्य निर्माण से लेकर 2021 तक एक ही पैटर्न से विधानसभा मे भर्ती हुई हैं फिर किस प्रकार से 2016 के बाद के कर्मचारियों को ही नौकरी से हटाया गया हैं जो कि नौजवानों के साथ धोखा हैं। बर्खास्त कर्मचारी किसी न किसी के द्वारा अनुमोदित होकर नौकरी मे लगे हैं उन पर कार्यवाही क्यों नहीं की हैं। यह सबसे बड़ा सवाल हैं और दल सरकार से पूछना चाहता हैं कि सिफारिश करने वाले नेताओं पर भी अविलम्ब कार्यवाही कि जाय। इस अवसर पर दल के उपाध्यक्ष सुनील ध्यानी ने कहाँ कि भेदभाव पूर्ण के इस रवैये को बर्दास्त नहीं किया जायेगा, एक सामान नियम सभी के लिए बराबर होना चाहिए डी के कोटिया समिति कि जाँच मे अभी तक की सभी भर्तियां नियमानुसार न होना बताया गया, ऐसे स्तिथि मे सभी को यानि राज्य निर्माण से अभी तक की विधानसभा भर्तियों को साकार अविलब बर्खास्त करें l दल के मिडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहाँ कि विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों पर एक तरफ़ा भेदभाव पूर्ण निर्णय विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने लिया हैं,जिसे कतई बर्दास्त नहीं किया जा सकता हैं उन्होंने कहाँ कि एक समान भर्ती प्रक्रिया पर एक समान कार्यवाही हो, न कि 2016 के बाद भर्तियों पर ही गाज गिरे | दल का स्पष्ट मानना हैं कि अभी तक कि सभी भर्तियों को रद्द करें या फिर 2016 के बाद भर्ती कर्मचारियों बहाल करें | सरकार को चेतावनी देते हुए कहाँ कि दल बर्खास्त कर्मचारियों के हितों के लिए आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं | इस अवसर पर आंदोलन कर रहे बर्खास्त कर्मचारियों के आंदोलन के समर्थन मे दल के प्रवक्ता अनुपम खत्री,राजेंद्र पंत,राजेंद्र गुसाईं, सुलोचना ईष्टवाल, उत्तरा पंत बहुगुणा,उमा, सरोज मेहर आदि उपस्थित रहे, इस अवसर पर आंदोलनकारी बर्खास्त कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को सिटी मजिस्ट्रेट कुशम चौहान को 5दिन की चेतावनी देते हुए ज्ञापन सौंपा जिसमें स्पष्ट कहाँ हैं कि उनकी नौकरी बहाली अविलम्ब किया जय तथा 5 दिन मे कर्मचारियों से वार्ता करके हल सकारात्मक हल निकाला जाय अन्यथा आर पार की लड़ाई के लिए सभी बर्खास्त कर्मचारी अपने परिवार के साथ आंदोलन के आयेगा जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होंगी।
शिव प्रसाद सेमवाल
केंद्रीय मिडिया प्रभारी
उत्तराखंड क्रांति दल