बिना दादा-ददी के परिवार अधूरा है
सभी माता-पिता से अनुरोध है कि वह अपने बच्चों को उनके दादा-दादी से दूर ना करें
मैं एक क्रिस्टल हीलर हूं और मेरे काफी पेशेंट है जो अपनी आपसी लड़ाई में अपने बच्चों को उनके दादा-दादी से दूर करने का पूरा सहयोग करते है पता नहीं क्यों ? एक बच्चे के लिए उसके माता-पिता से बढ़कर और कोई नहीं होता अगर माता पिता बच्चों के सामने उनके दादा-दादी के लिए कड़वाहट भरने का काम करते है तो इसका परिणाम वह मां-बाप नहीं वह बच्चे हमेशा उस कड़वाहट का भुगतान करते रहेंगे क्योंकि उनको पूरी जिंदगी समझ नहीं आएगा कि उनके दादा-दादी सही है या उनके माता-पिता सही हैं जोकि आजकल की आम समस्या बन चुकी है जिसके बारे में कोई विचार नहीं कर रहा है आखिर क्यों आमतौर पर देखा जाता है कि जब घर के बड़े लोग आपस में लड़ रहे होते हैं तो इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि बच्चों के सामने ना लड़ा जाए जिससे कि बच्चों पर बुरा प्रभाव ना पड़े तो जब वह अपने उस बच्चे के दादा दादी के बारे में बात करते हैं तो वह उस समय क्यों नहीं सोचते कि उस बच्चे पर क्या असर पड़ेगा जब उसके दादा-दादी के लिए कुछ बोलेंगे तो नॉर्मल सी बात है कि वह बच्चा कुछ तो ग्रहण करेगा अब अच्छी बात हो या बुरी बात जिसका प्रभाव उसका भविष्य खराब कर देगा तो ऐसे मां-बाप को ध्यान रखने की आवश्यकता है कि वह अपने बच्चों के सामने जिस प्रकार अपने आप को बुरा नही बनाना चाहते हैं वैसे ही अपने सास-ससुर को भी अपने बच्चों के सामने बुरा ना बनाएं आखिर परिवार तो एक ही है फिर इतनी कड़वाहट क्यों आपसी लड़ाई में बच्चों के अंदर इतनी कड़वाहट क्यों भरना इस विषय में बहु बेटे व सास-ससुर दोनों को विचार विमर्श करने की अति आवश्यकता है अपनी आपसी लड़ाई में अपने घर के बच्चों का भविष्य ना खराब करें इसका बहुत बुरा असर पड़ता है शायद आप लोगों को नहीं पता शायद वह बच्चा सामाजिक जीवन जीने से वंचित रह जाए उसको समाज में कुछ अच्छा ना लगे कभी इस बात का माता पिता क्यू ध्यान नहीं रखते किसी बच्चे को जन्म देने से पहले अपना एगो समाप्त करना अति आवश्यक है अन्यथा निसंतान रहिए
जब माता-पिता दोनों पैसे कमाने में लगे हो और अपने बच्चे को दादा दादी से भी दूर रखने की पूरी कोशिश करते हो तो ऐसे में उस बच्चे का भविष्य कभी अच्छा नहीं हो सकता यदि उस बच्चे के दादा दादी हैं तो गलती से भी उन्हें उनसे दूर करने की कोशिश ना करें आप लोग पैसे कमाने में बिजी हैं तो कम से कम दादा-दादी तो उस बच्चे के साथ होंगे क्योंकि बच्चे को बचपन में पैसे नहीं प्यार चाहिए होता है वो प्यार जो बस एक परिवार में मां पिता जी और दादा दादी दे सकते है दुनिया मैं कोई और नहीं देगा बच्चा कम से कम अपने दादा दादी से प्यार और संस्कार सब कुछ सीखेगा दूसरी बात माता-पिता से ज्यादा प्यार दादा-दादी करते हैं यह सत्य है आमतौर पर ऐसा देखा तो नहीं जाता परंतु कहीं कहीं ऐसा भी देखा जाता है कि दादा दादी अपने पोते या पोती से कोई लगाओ रखना पसंद नहीं करते उसका कारण यह है कि जब उनके बहु/ बेटे ने उनके साथ ऐसा व्यवहार ही नहीं रखा और उन बच्चों के अंदर भी कड़वाहट भर कर रखी तो इस समय दादा-दादी क्या कर सकते हैं वह भी बच्चे से दूर ही रहना पसंद करेंगे जिसका सारा श्रेय ऐसे मां-बाप को जाता है जो अपने बच्चों के अंदर ऐसी कड़वाहट भरते हैं और फिर ऐसे बच्चों को अपने मां-बाप से ज्यादा दोषी उनके दादा-दादी नजर आते हैं जबकि ऐसा नहीं होता है दादा-दादी भगवान के समान होते हैं वह आपके माता-पिता से तो नफरत कर सकते हैं कुछ समय के लिए शायद परंतु बच्चों से कभी नहीं करेंगे इस बात को सभी बच्चे अपने दिमाग में बैठा ले अपने माता-पिता की बातें सुनकर अपने दादा-ददी के प्रति कड़वाहट ना लाएं
जिस परिवार में माता-पिता दादा-दादी हो आप उसे एक संपूर्ण परिवार कह सकते हैं परंतु आजकल इस कलयुग की दुनिया में ऐसे परिवार बहुत कम देखने को मिलते हैं क्योंकि हमारा समाज बहुत ज्यादा मॉडर्न हो चुका है इसका यही कारण है कि हम समाज के साथ आगे बढ़ते हुए अपने संस्कारों को कहीं पीछे छोड़ते आगे बढ गाए हैं ऐसी परिवार की लड़ाई में सबसे ज्यादा जो नुकसान होता है वह होता है एक पिता का और उस परिवार में जन्मे बच्चे का पिता इतना मजबूर होता है कि वह अपने माता-पता को देखे या अपनी धर्मपत्नी को देखें परंतु अब शादी के बाद धर्मपत्नी की सुख सुविधाओं का पूरा ध्यान रखना पति का कर्तव्य होता है वहीं दूसरी तरफ माता-पिता को भी देखना उसका फर्ज है परंतु ऐसे में एक लाचार बेबस पिता आखिर क्या करें
यह किसी की व्यक्तिगत स्टोरी नहीं है काफी लोगों को यह अपनी एक कहानी लग रही होगी क्योंकि समाज में ऐसा हर एक घर में चल रहा है तो इस स्टोरी को पढ़कर नाराज ना हो और इस विषय पर चिंतन करें मेरा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का बिल्कुल भी तात्पर्य नहीं है धन्यवाद
इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने का उपाय
1🙏अपने परिवार की समस्याओं को लेकर अन्य लोगों में शेयर ना करें व सलाह ना मांगे अपनी इगो को साइड रखकर बातचीत करें सही को सही व गलत को गलत मान कर अपने परिवार की समस्याओं को सुलझाएं
2🙏 पारिवारिक लड़ाई में रिश्तेदारों को शामिल ना करें जैसे कि बहू के परिवार वाले, अपनी बेटी जमाई कोl यदि आप लोग परिवार को सुलझाना चाहते हैं तो आपस में ही बैठ कर बात करें जिससे एक संतोषजनक उपाय जरूर मिलेगा
3🙏 यदि स्थिति ऐसी है की बातचीत करने का समय ठीक ना लग रहा हो तो आप लोग कुछ दिनों के लिए यात्रा में जा सकते हैं जिससे कि दोनों पक्षों को कुछ सोचने का समय मिलेगा और वह अपनी अपनी गलतियों पर विचार करेंगे यदि उनमें संस्कार होंगे तो अन्यथा सब व्यर्थ है और जब सब व्यर्थ हो तो आप कानून का दरवाजा खटखटा सकते हैं और कानून की प्रक्रिया द्वारा एक दूसरे को जीवन भर के लिए नमस्ते करके अलग हो जाए परंतु घर परिवार बर्बाद ना करें धन्यवाद मां भगवती आप सभी की कामनाएं पूर्ण करें बाबा केदार का आशीर्वाद आप पर बना रहे 🙏🚩🚩🫡
संपादक रेणु सेमवाल 🙏🚩🙏