- उत्तराखंड / देहरादून
- 2015 में तत्कालीन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तहसील चौक पर फुटओवरब्रिज (Foot over bridge) का उद्घाटन तो किया लेकिन उसके बाद तब से अब तक उसमें ताले लगे हुए हैं,
वहीं कोरोनाकाल से पहले राजकीय दून मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय के दो भागों को जोड़ने वाले फुट ओवरब्रिज (Government Doon Medical College Hospital Foot Overbridge) का निर्माण शुरू हुआ
जिस तरह तहसील पर बने फुट ओवरब्रिज (Foot over bridge) पर पैसों की बर्बादी की गई
उसी तरह दून अस्पताल को जोड़ने वाले फुट ओवरब्रिज को तो बना दिया गया लेकिन कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा गया जिसकी वजह से वहां पर अक्सर जाम लगा रहता है। इससे यातायात में बाधा पैदा हो रही है इसके कारण यातायात प्रबंधन ठीक से नहीं होता जिसके चलते यहां अक्सर जाम लग जाता है उन्होंने यह भी कहा कि इसके निर्माण के लिए पुलिस से कोई एनओसी नहीं ली गई थी। मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) इंजीनियर की राय भी नहीं ली गई। अगर उन्होंने इतनी बातें कहीं तो जाहिर है कि इसके लिए पूरा होमवर्क किया होगा। मगर, यह होमवर्क ऐसे समय में याद आया जब फुटओवर ब्रिज (Foot over bridge) का उद्घाटन होने वाला है। जबकि खुद एसपी ट्रैफिक भी 1 साल से रोजाना इस पुल (Foot over bridge) के नीचे से निकलते हैं। जब निर्माण हो रहा था तो इसी चौकोर पिलर के बगल से उनकी गाड़ी निकलती थी। ऐसे में सवाल उठते हैं कि निर्माण के लिए एनओसी ली है या नहीं इसका पड़ताल पहले क्यों नहीं की गई? चकोर पिलर बन रहा है, यह नीव के वक्त से ही दिख रहा था । उसी वक्त इससे आपत्ती लगाकर क्यों नहीं रोका गया? अब यह गलत है तो अधिकारियों के संज्ञान में लाते हुए ट्रैफिक पुलिस ने इसे किसी बैठक में क्यों नहीं उठाया?