मंत्री सतपाल महाराज को सदन में घेरने की रणनीति पूरी तरह से फेल रही

देहरादून

विधानसभा के तृतीय सत्र के प्रथम दिन विपक्ष द्वारा प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज को सदन में घेरने की रणनीति पूरी तरह से फेल रही। विधानसभा के तृतीय सत्र के प्रथम दिन मंगलवार को विपक्ष के प्रश्नों की धार को कुन्द करने के लिए प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज पूरी तैयारी के साथ सदन में पहुंचे।

प्रश्नकाल के दौरान उन्होने सदन में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य सहित विपक्षी सदस्यों मयूख महर, फुरकान अहमद, विरेन्द्र कुमार, संजय डोभाल, सुमित ह्दयेश, विक्रम सिंह नेगी और प्रीतम सिंह द्वारा प्रश्नकाल के दौरान पर्यटन, लोक निर्माण और सिंचाई विभागों से संबंधित पूछे गए सभी प्रश्नों के बडी बेबाकी से सटीक और सकारात्मक उत्तर दिये। विपक्ष द्वारा लगातार प्रश्नों की बौछार के बाद भी वह सभी का सटीक उत्तर देकर विपक्षी सदस्यों को संतुष्ट करते दिखाई दिए। सवालों के उत्तर सुनकर विपक्ष द्वारा उन्हे सदन में घेरने की रणनीति इस बार पूरी तरह से फेल रही।

विपक्ष की ओर विधानसभा सदस्य मयूख महर ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से जानना चाहा कि पिथौरागढ़ में पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु जिस टयूलिप गार्डन का निर्माण कराया गया था उसकी वर्तमान में क्या स्थिति है। गार्डन को बनाने में कुल कितना धन व्यय किया गया और ट्यूलिप पुष्प की पौध कहां से मंगाई गई। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सदन को अवगत कराया कि पिथौरागढ़ के मोस्टमानू में टयूलिप गार्डन प्रस्तावित किया गया था। मोस्टमानू मंदिर एवं पशुपतिनाथ मंदिर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 25,000 टयूलिप बल्ब रोपित किए गए थे जिनका कि वर्तमान में मंदिर समिति द्वारा उपयोग किया जा रहा है। टयूलिप बल्ब्स प्लांटेशन कुल 22,17,515 रुपए का व्यय किया गया। ट्यूलिप बीज का उत्पादन स्थानीय स्तर पर ना होने के कारण तुलिप गार्डन को तैयार किए जाने पर उसके रखरखाव आदि पर अत्याधिक व्यय होना जैसी समस्याएं सामने आने के कारण इसका क्रियान्वयन नहीं किया जा सकता है।

लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने सदस्य मयूख महर के चंद्रभागा नदी के ऊपरी भाग में विभाग द्वारा बनाए गए 18 मीटर स्पान पुल के निचले भाग में वर्षा ऋतु में अत्यधिक वर्षा के कारण मोटर मार्ग बहने की समस्या का उत्तर देते हुए बताया कि इस प्रकार की समस्या बेहद गंभीर है। इस स्थान पर स्पान सेतु का निर्माण किया गया है जिस पर वर्तमान में आवागमन सुचारू रूप से चल रहा है। इस मार्ग पर स्पान आरसीसी पुलिया के निर्माण की स्वीकृति जिला योजना के अंतर्गत प्रदान की गई है।

विधानसभा सदस्य फुरकान अहमद द्वारा होमस्टे से संबंधित पंजीकरण और उसके लाभ एवं शर्तों के विषय में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सदन को अवगत कराया कि उत्तराखंड ग्रह आवास नियमावली के तहत कोई भी भवन स्वामी अपने परिवार के साथ भौतिक रूप से निवास कर रहा हो, वह व्यक्ति अपने भवन का होमस्टे योजना के अंतर्गत पंजीकरण करा सकता है, जिसमें न्यूनतम 1 कक्ष एवं अधिकतम 6 कक्ष पर्यटकों हेतु पंजीकरण करा सकते हैं।

फुरकान अहमद द्वारा पिरान कलियर में रामपुर चुंगी मंडी से ग्राम नागल होते हुए पिरान कलियर पर बाईपास सड़क एवं 300 मीटर सेतु निर्माण कराए जाने और किसानों की अधिग्रहित भूमि के मुआवजे की धनराशि अभी तक न दिए जाने के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने अवगत कराया कि पिरान कलियर बाईपास सड़क एवं 300 मीटर स्पान सेतु के निर्माण में स्वीकृत परियोजना में प्रतिकर भुगतान हेतु चिन्हित धनराशि 525.62 लाख रुपये में से वर्तमान में 446.55 लाख के प्रतिकर का भुगतान प्रभावितों को कर दिया गया है। शेष भुगतान की कार्यवाही विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी हरिद्वार के माध्यम से की जा रही है।

कृषि क्षेत्र को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इकबालपुर नहर परियोजना से क्षेत्रवासियों को अति शीघ्र लाभ दिलाने हेतु विधानसभा सदस्य वीरेंद्र कुमार द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि इस संबंध में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के मुख्य सचिव स्तरीय संयुक्त बैठक में निर्णय लिया गया था कि 665 क्यूसेक जल उत्तराखंड को उपलब्ध कराएं जाने हेतु फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करा कर प्रमुख अभियंता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उत्तर प्रदेश को उपलब्ध कराई गई। इस संबंध में लगातार उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से अनुरोध किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य वैकल्पिक माध्यमों पर भी कार्यवाही प्रस्तावित है। इसके अलावा सदस्यों द्वारा पूछे गए अन्य प्रश्नों का सतपाल महाराज ने सटीक उत्तर देते हुए विपक्षी सदस्यों को निरुत्तर कर दिया।