देहरादून
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि विकास में उत्तराखंड राज्य 2025 तक देश का अग्रणीय राज्य होगा, उक्रांद उनके इस कथन को हास्यास्पद मानता है, एक तरफ उत्तराखंड राज्य 85 हजार करोड़ के कर्जे में है सरकारी कर्मचारियों का वेतन ऋण के में लिया जा रहा है खुले बाजार से लेकर बैंकों का कर्जा राज्य पर है, महंगाई आसमान छू रही है बेरोजगारी के दर बढ़ती जा रही है, आय के श्रोतों के लिए सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं है। राज्य की जमींनें बिक चुकी है सबसे ज्यादा नुकसान क़ृषि भूमि की हुई है | राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार, लाल फीताशाही पर लगाम न होने के कारण राज्य बर्बाद हो रहा है | किस आधार पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ये कथन 2025 तक उत्तराखंड अग्रणीय राज्यों में अब्बल रहेगा, ये दिवा स्वप्न मुख्यमंत्री देख रहे है। हाँ 2023 नगर निकाय चुनाव,2024 पंचायत व लोकसभा चुनाव के ख़तरे उन्हें दिख रहे है इसलिए उत्तराखंड की जनता को बर्गलित कर रहे है, लेकिन याद रखे कि अंकिता भण्डारी हत्या और भर्ती घोटालों को उत्तराखंड कि जनता भूल नहीं सकती इसी का भय मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को सता रही है और उनके हास्यास्पद कथन बाहर आ रहे है |
सुनील ध्यानी
केंद्रीय उपाध्यक्ष
उत्तराखंड क्रांति दल