देहरादून ब्रेकिंग हाई वोल्टेज न्यूज़ (वॉइस ऑफ द पीपल) आशा कोठारी की रिपोर्ट#आनन्द मार्ग जूनियर हाइ स्कूल के प्रांगण में आज दिनांक 14 सेप्टेम्बर 2022 को विद्यालय के बच्चों ने प्रभात संगीत का गायन की।साथ ही छात्र एवं छात्राओं ने कौशिकी एवं तांडव नृत्य के प्रतियोगिता में भाग लेकर भुक्ति प्रधान जी एवं दीदी /दादा जी द्वारा इनाम बाँटा गया। आचार्य जी ने प्रभात के संबंध में कुछ जानकारियां दी*~~~~~~~जो निम्न है
★प्रभात संगीत उद्गम स्थान :देवघर
★प्रथम प्रभात संगीत:14/09/1982 समय:प्रात:4बजकर57 मिनट
★प्रथम गाना:बंधु हे निये चलो
★ अंतिम प्रभात संगीत:आमरा गोरे नोवो नव गुरुकुल,दिनांक 20/10/1990
★कुल प्रभात संगीत :5018
■प्रभात संगीत के छ: स्तर हैं:
1.विरह
- मिलन
- आवेदन
- निवेदन
5.स्तुति
6.विसर्जन
संगीत में भाव, भाषा, छंद और सुर की प्रधानता होती है।
संगीत नंदन विज्ञान(Esthetic Science) है तथा प्रभात संगीत इसी के अंतर्गत आता है। नंदन विज्ञान का अर्थ है दूसरों को आनंद देना एवं दूसरों से आनंद लेना।
कीर्तन मोहन विज्ञान(Supra Esthetic Science) में आता है।मोहन विज्ञान अर्थात जो दूसरों को मोहता है या आकर्षित करता है।
मनुष्य माया के अंधकार में सोया है।प्रभात संगीत से यह अंधकार हटता है तथा स्वर्णिम बिहान आता है।कठोर से कठोर व्यक्ति भी यदि सही ढंग से प्रभात संगीत गाये तो उसने भी उनमें भी अध्यात्मिक जागरण आ जाता है।
नंदन विज्ञान से हम स्थूलता से सूक्ष्मता की ओर बढ़ते हैं।इसका उपयोग समाज की प्रगति के लिए होना चाहिये।
प्रभात संगीत भक्ति प्रधान संगीत है:
1.रागात्मिका भक्ति का गाना:1041:अनेक सुनिया अनेक भाविया
2.परमात्मा प्रेम का गाना: 1918: तोमाके भाविते भालो लागे - सखा भाव का गाना:607: भावे अंजन अखियां
- पूर्ण समर्पण का गाना:2300: आमी पथ चेये
5.अभिमान (मधुर) रस का गाना:2005:आसवे बले गेले चले
6.अणुध्यान का गाना: 162: किछु बोले जाओ किछु शुने जाओ
7.ध्यान का गाना: 1956
पांच आवश्यक प्रभात संगीत
1 प्रभु एशो एशो: गाना नंबर 154
2.तुमि सवार मोने आछो:गाना नंबर 158 - प्रभु आमी भालोबाशी:गाना नंबर 159
4.किछु कये जाओ किछु शुने जाओ:गाना नंबर 162
5.मन के कोनो छोट्टो काजे नाबते देबो ना:गाना नंबर 163
परम पिता बाबा की जय।
यूनिट सेक्रेटरी हरिद्वार
जिज्ञासु देव