विसर्जन को लेकर मेरा दुख इस पोस्ट से किसी की आस्था को ठेस ना लगे बस एक बार सोचे समझे और बदलाव लाए अगर हो सकें😭 🙏🚩🙏

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गणेश पूजन या दुर्गा पूजन के बाद जो मूर्ति विसर्जन किया जाता है। हिंदू धर्म में प्राचीन समय से चला आ रहा है। परंतु इस प्राचीन सभ्यता को लेकर मैं किसी प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं कर रही हूं परंतु यह मेरा व्यक्तिगत एक दुख है जो मैंने विसर्जन में देखा है गणेश पूजन हो या दुर्गा पूजन हो उसके बाद मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है उसके बाद जो मूर्तियों की दशा होती है कुछ मूर्तियां टूटी पड़ी रहती है साथ-साथ भगवान जी के आस पास बहुत सारा कूड़ा देखने को मिलता है जो भगवान जी की मूर्ति पर भी लगा जाता है यह सब चीजें देखकर मेरा मन बहुत दुखी हुआ है मुझे नहीं पता मैं खुद एक हिंदू धर्म से हु और यह सब देखकर मेरा मन क्यों दुखी हुआ है क्योंकि यह मैंने देखा है कि जब विसर्जन किया जाता है उसके बाद भगवान की मूर्तियां टूट जाती है जिस मूर्ति को हम इतने विधि विधान से पूजन करते हैं उसके बाद उन्हें ले जाकर पानी में फेंक दिया जाता है उसके बाद मूर्तियों की क्या दुर्दशा होती है वह सब आप लोग फोटोस में देख सकते हैं हम हिंदू धर्म में यह सब बदल नहीं सकते क्या। हम अपने देवी देवता को सर्वोपरि रखते हैं उसके बाद अगर जो हमारे घर के भगवान है देवी देवता हैं हम उनका सम्मान कर रहे हैं या अपमान कर रहे हैं मुझे नहीं लगता कि यह ठीक है यह मेरा व्यक्तिगत एक दुख है मेरा व्यक्तिगत मानना है कि हम जो यह कर रहे हैं वह ठीक नहीं है क्योंकि अगर हम अपने देवी-देवताओं का विसर्जन कर देते है तो फिर हम घर में किसकी पूजा करेंगे इसलिए मुझे नहीं पता कि मैं गलत हूं या सही हूं लेकिन जो मैंने देखा मुझे ठीक नहीं लगा और मेने विसर्जन को लेकर जो यह छोटी सी टिप्पणी की है इससे मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का कोई भी तात्पर्य नहीं है अगर किसी को ठेस पहुंचता है तो हाथ जोड़कर क्षमा धन्यवाद🙏🚩🙏 (रेनू सेमवाल रिक्की)