विशेषज्ञों ने घाव की देखभाल की विभिन्न तकनीकों के बारे में दिया प्रशिक्षण- हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग में आयोजित


विशेषज्ञों ने घाव की देखभाल की विभिन्न तकनीकों के बारे में दिया प्रशिक्षण
– हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग में आयोजित कार्यशाला में 75 प्रतिभागी हुये शामिल
डोईवाला। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में घाव की उचित देखभाल करने को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें नर्सिंग छात्र-छात्राओं सहित अस्पताल में कार्यरत नर्सों को प्रशिक्षण दिया गया।
शनिवार को हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग के क्रिटिकल केयर नर्सिंग और हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग ने संयुक्त रूप से कार्यशाला का आयोजन किया। मुख्य अतिथि मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार देवरारी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुये कहा कि नर्सों की ओर से घाव की उचित देखाभाल रोगी के तेजी से ठीक होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। घाव की देखभाल के बारे में नवीन जानकारी के बारे में नर्सों को और अधिक शिक्षित होने की आवश्यकता है। कार्यशाला में नर्सों को विशेषज्ञों ने घाव की देखभाल की विभिन्न तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण भी दिया। कार्यशाला में वुंड केयर क्लीनिकल स्पेशलिस्ट नर्स कुंज बिहारी यादव, हिमालयन हॉस्पिटल के आईसीयू एक्सपर्ट डॉ सोनिका, डॉ सुशांत खण्डूरी, डॉ नंदकिशोर, डॉ सोनू समा, सर्जरी डिपार्टमेंट हेड डॉ. हेमंत नौटियाल, डॉ. मनु राजन, डॉ कमली प्रकाश और डॉ हरलीन कौर ने भी प्रतिभागी नर्सों और छात्र-छात्राओं को घाव देखरेख पर जानकारी दी। कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों को हिमालयन अस्पताल के क्रिटिकल केयर में नर्स प्रैक्टिशनरों की ओर से व्यावहारिक अनुभव साझा किया गया। हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रधानाचार्य डॉ. संचिता पुगाजंडी ने प्रतिभागियों और कार्यशाला के आयोजकों को सम्मानित करने के साथ क्रिटिकल केयर नर्सिंग और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के सहयोगात्मक प्रयास की सराहना की। कार्यशाला के अध्यक्ष डॉ. राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि कार्यशाला में स्टाफ नर्स, नर्स प्रैक्टिशनर सहित पीजी नर्सिंग के 75 प्रतिभागी शामिल हुये। कार्यशाला का उद्देश्य रोगी के घाव की उचित देखभाल सहित नई तकनीक से प्रतिभागियों को रूबरू कराना था। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएल जेठानी, रीना हाबिल, डॉ. वंदना चौहान, प्रिया जेपी आदि उपस्थित थे।