डोईवाला देहरादून
ब्रेकिंग हाई वोल्टेज न्यूज़ आशा कोठारी की रिपोर्ट***
विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर हिमालयन इंस्ट्टियूट ऑफ मेडिकल सांइसेज में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें प्रतिभागियों को हेपेटाइटिस के उपचार, लक्ष्ण व जांच की जानकारी दी गयी।
बृहस्पतिवार को नर्सिंग सभागार में माइक्रोबॉयलॉजी विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि प्रति कुलपति डॉ. विजेन्द्र चौहान ने कहा कि हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी एक बीमारी है, जिसमें लिवर में सूजन आ जाती है और इसके कारण कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है। हेपेटाइटिस आमतौर पर वायरल इफेक्शन के कारण होने वाली समस्या है। इसके अलावा अत्यधिक अल्कोहल लेने की आदत, टॉक्सिन, कुछ दवाएं, दूषित भोजन और पानी, और किसी विशेष तरह की मेडिकल कंडीशन के कारण भी हेपेटाइटिस की समस्या हो सकती है। इस बीमारी के कई वेरिएन्ट्स हैं जैसे ए, बी, सी, डी और ई इनमे हेपेटाइटिस बी को बेहद खतरनाक माना जाता है। हेपेटाइटिस बी में वायरस के कारण लिवर में संक्रमण हो जाता है। लापरवाही करने पर लिवर खराब होने और लिवर कैंसर होने का भी रिस्क रहता है। विश्ष्टि अतिथि मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अशोक देवराड़ी ने कहा कि आंकड़ों की मानें तो हेपेटाइटिस के कारण दुनियाभर में हर 30 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। इसके पांच वेरिएन्ट्स हैं और सभी का लोगों पर अलग अलग प्रभाव पड़ता है। समय के साथ ये समस्या गंभीर रूप लेती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बीमारी को लेकर लोगों को जागरुक करने और इससे होने वाली मौतों को रोकने के लिए साल 2030 तक टीकाकरण, जांच और दवा के अलावा जागरुकता अभियान चलाया है। उन्होंने प्रतिभागियों से लोगों को हेपेटाइटिस के प्रति जागरूक करने की बात कही। माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. बरनाली ककाती के संचालन में चले कार्यक्रम में रजिस्ट्रार डॉ. सुशीला शर्मा, डॉ. विनीता कालड़ा, डॉ. अनुराधा कुसुम, डॉ. अर्चना प्रकाश, डॉ. जयंती सेमवाल, डॉ. मनीष रतूड़ी, डॉ. गरिमा मित्तल उपस्थित थे।