हिमालयन अस्पताल ने किडनी ट्रांसप्लांट में किया नया कीर्तिमान स्थापित- चिकित्सकों की टीम ने चुनौतीपूर्ण किडनी ट्रांसप्लांट को सफल बनाया


हिमालयन अस्पताल ने किडनी ट्रांसप्लांट में किया नया कीर्तिमान स्थापित
– चिकित्सकों की टीम ने चुनौतीपूर्ण किडनी ट्रांसप्लांट को सफल बनाया
– मरीज की दोनों किडनी के साथ दिल भी था फेल
– किडनीदाता के सभी अंग थे उल्टे
डोईवाला। हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट के चिकित्सकों ने एक बेहद चुनौतीपूर्ण किडनी ट्रांसप्लांट करने में सफलता हासिल की है। मरीज पंकज की दोनों किडनी के साथ दिल भी फेल हो गया था। किडनी ट्रंासप्लांट के बाद मरीज अब स्वस्थ है और उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
डोईवाला निवासी पंकज (29) जिसकी दोनों किडनी के साथ दिल भी फेल था। इससे पूर्व भी 2017 में पंकज का पहला किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था जो कि बीमारी व कोविड की वजह से फेल हो गया था। मरीज फिर से डायलिसिस पर था। मरीज व उसके परिवार को बार-बार अस्पताल आना पड़ता था। मरीज की कभी किडनी फेल तो कभी दिल के फेल होने से परेशानी बढ़ती जा रही थी। डॉ. विकास चंदेल की देखरेख में उपचार करा रहे मरीज ने दूसरा किडनी ट्रांसप्लांट करने की इच्छा जाहिर की। जिसके लिए मरीज व उसका परिवार ट्रांस्पलांट सर्जरी ओपीडी में डॉ. कर्मवीर सिंह से मिले। उन्होंने मरीज की कुछ आवश्यक जांचे करायी। मरीज की पत्नी प्रिया अपनी किडनी देने की इच्छुक थी, जिसके लिए उनकी भी जांचे करायी गयी। जांच के दौरान पता चला कि किडनीदाता के सभी अंग उल्टे है, जिसे मेडिकल साइंस में साइटस इवर्सस कहा जाता है। जिसमें किडनी देने वाली की बांयी किडनी दांयी तरफ और दांयी किडनी बांयी तरफ थी। जिस किडनी को डोनर से लगाना था उसमें डबल आर्टिरी थी। इसके साथ ही उसको बांयी तरफ ट्रांसप्लांट करना था। पंकज का पहला किडनी ट्रांसप्लांट दांयी तरफ में हुआ था। साथ में हार्ट फेल भी मतलब की सर्जिकल व मेडिकल दोनों चुनौती इस केस में थी। मरीज और परिवार की काउंसिलिंग की गयी। चिकित्सकों की टीम ने वर्तमान और बाद में आने वाली समस्या से मरीज और परिवार को बताने के बाद इस ट्रांसप्लांट को करने की स्वीकृति ली। डॉ. कर्मवीर सिंह व टीम ने इस ट्रांसप्लांट को सफल बनाने का श्रेय मरीज पंकज की पत्नी प्रिया को दिया। उन्होंने कहा कि मरीज व उनके परिवार ने उन पर भरोसा किया और धैर्य के साथ हर परेशानी का सामना किया। परिजनों की सहमति के बाद डॉ. कर्मवीर सिंह के नेतृत्व में डॉ. गुरजीत, डॉ. पारुल, डॉ. हरीश, डॉ. अनुराग रावत, डॉ. राजीव सरपाल, डॉ. शिखर अग्रवाल, डॉ. शहबाज अहमद, डॉ. ममता गोयल, डॉ. प्राची काला की टीम ने इस बेहद चुनौतीपूर्ण किडनी ट्रांसप्लांट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। कुलपति डा. विजय धस्माना व मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. एसएल जेठानी ने चिकित्सकों की पूरी टीम को इस सफलता पर बधाई दी। डॉ. गुरजीत व डॉ. पारुल ने बताया कि मरीज को ऐनेस्थिसिया देना भी बहुत कठिन था क्योंकि मरीज का दिल दोनों किडनी खराब होने की वजह से फेल हो गया था। ट्रांसप्लांट के दौरान मरीज को सांस लेने व दिल की निगरानी करने की मशीन में रखा गया। ट्रांसप्लांट के बाद मशीन को हटाकर मरीज को वार्ड में शिफ्ट किया गया। डॉ. कर्मवीर सिंह व डॉ. विकास चंदेल ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट के बाद में काफी दिक्कतें आयी। जिसकी वजह से मरीज को आईसीयू में रखना पड़ा। जहां आईसीयू टीम के प्रभारी डॉ. दीपक गोयल व उनकी टीम के डॉ. सोनू, डॉ.राहुल चौहान, डॉ. नंद किशोर की निगरानी में मरीज की स्थिति में सुधार हुआ।

किडनी ट्रांसप्लांट के विशेष प्रशिक्षित टीम
ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. कर्मवीर सिंह ने बताया कि उन्होंने मल्टीपल आर्गन फेलियर पेशेंटस का कम्बाइंड आर्गन ट्रांसप्लांट व जिनके पहले ट्रांसप्लांट आर्गन फेल हो चुके है ऐसे मरीजों की ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए विशेष प्रशिक्षण हासिल किया है। डॉ. कर्मवीर सिंह ने बताया कि हिमालयन अस्पताल में जटिल किडनी ट्रांस्प्लांट किये जा रहे है। यहां अंग प्रत्यारोपण के लिए प्रशिक्षित टीम है। जो आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर चुनौतीपूर्ण ट्रांसप्लांट को सफलतापूर्वक कर रही है।