देहरादून ब्रेकिंग हाई वोल्टेज न्यूज़ जसपाल राणा की रिपोर्ट**एक तरफ जहां उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग बड़े-बड़े दावे कर रही हैं।
वहीं देहरादून का राजकीय दून मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय देहरादून।
कर्मचारियों की मार झेल रहा है जब मरीज राजकीय दून मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय देहरादून पहुंचते हैं।
गाड़ियों से उन्हें उतार कर अस्पताल पहुंचाना हो या स्ट्रेचर के सहारे से उन्हें वार्ड में दाखिल कराना हो यह सारे काम मरीजों के परिजन ही करते हैं।
परिजन ही मरीजों को स्ट्रेचर पर बिठाकर एक जगह से दूसरे जगह ले जाते हैं।
जिससे मरीजों सहित परिजनों को अस्पताल परिसर में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
वहीं दून मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय देहरादून के सुपरिटेंडेंट डॉक्टर के.सी. पंत ने कहा की अस्पतालों में डॉक्टरों और नर्सों की पर्याप्त व्यवस्था है।
हमारे अस्पताल में 750 बेड भी मौजूद हैं।
आगे उन्होंने कहा कि कोरोना के समय हमारे यहां पर्याप्त स्टाफ थे लेकिन कोरोना के बाद सेवाओं के नियमानुसार हमने उन्हें कहा कि हमारे यहां और स्टाफ की आवश्यकता नहीं है।
इसीलिए उन्हें भारत सरकार के गाइडलाइन के नियमानुसार हटा दिया गया
अभी दुबारा शासन से यह निर्देश आया कि अब हम लोग किसी एजेंसी के माध्यम से उपनल के माध्यम से या पीआरडी के माध्यम से नियमानुसार स्टाफ की पुनः नियुक्ति कर सकते हैं।
अब दुबारा राजकीय दून मेडिकल कॉलेज देहरादून में कर्मचारियों की संख्या बढ़ जाएगी।
जिससे मरीजों को भी अस्पताल में सुविधा मिलेगी।
आगे उन्होंने स्वीकारा कि हां कभी-कभी मरीजों के अटेंडेंट मदद कर देते हैं लेकिन जैसे ही संज्ञान में आता है तुरंत हमारे अस्पताल के कर्मचारि जाकर मरीजों और उनके परिजनों की सहायता करने लगते हैं लेकिन ऐसी स्थिति कभी-कभी हमारे यहां होती है