उत्तराखंड: प्रसव पीड़ा में महिला जंगल के रास्ते 6 घंटे तक चली पैदल, सुबह पहुंची मार्ग तक।

देहरादून ब्रेकिंग हाई वोल्टेज न्यूज़ डॉ. सेमवाल की रिपोर्ट**धनोल्टी: जौनपुर गांवों में बेहतर स्वास्थ्य और सड़क की सुविधा के प्रदेश सरकार के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। जौनपुर प्रखंड के लग्गा गोठ में न तो सड़क सुविधा है और न स्वास्थ्य सुविधा। ऐसे में ग्रामीणों को कई समस्या से जूझना पड़ रहा है। सड़क सुविधा न होने से एक प्रसव पीड़िता की तो जान पर बन आई। किसी तरह डंडी-कंडी के सहारे स्वजन उसे धनोल्टी लाए और फिर निजी वाहन के जरिये मसूरी अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका सफल प्रसव हो सका और स्वजन ने राहत की सांस ली।

लग्गा गोठ के ग्रामीण लंबे समय से सड़क की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। बीती 22 जून की रात अचानक लग्गा गांव निवासी सोनू गौड़ की पत्नी अंजू देवी को प्रसव पीड़ा हुई तो स्वजन ने डंडी-कंडी तैयार की और अस्पताल के लिए पैदल ही निकल पड़े। रास्ते में कई बार महिला की तबीयत भी बिगड़ी। धनोल्टी में भी सुविधा के अभाव में उसे सुबह चार बजे निजी वाहन से मसूरी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां महिला का सुरक्षित प्रसव हुआ।

अंजू के पति सोनू का कहना है कि ग्रामीण लंबे समय से सड़क की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन इस ओर अभी तक कोई प्रयास नहीं किए गए। उनका कहना है कि पत्नी को करीब 6 घंटे तक प्रसव पीड़ा से जूझना पड़ा। यदि गांव सड़क सुविधा से जुड़ा होता तो यह नौबत नहीं आती। उनका कहना है कि करीब तीन साल पूर्व गांव के विशालमणी का पुत्र पहाड़ी से गिरने से चोटिल हो गया था लेकिन समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने से रास्ते में ही उसकी मौत हो गई थी। इससे पहले सड़क के अभाव में कई ग्रामीण रास्ते में ही दम तोड़ चुके हैं। गांव में करीब ढाई सौ लोग रहते हैं, लेकिन सड़क के अभाव में उन्हें कई समस्याओं से जूझना पड़ता है।