देहरादून ब्रेकिंग हाई वोल्टेज न्यूज**जसपाल राणा की रिपोर्ट
ऋषिकेश : लखनऊ मंडल में खेतासराय, मेहरावां तथा महगांवा स्टेशन के मध्य रेल लाइन के दोहरीकरण के कार्य के चलते ऋषिकेश से हावड़ा के मध्य संचालित होने वाली हावड़ा एक्सप्रेस 12 दिन रद रहेगी।
लखनऊ मंडल में खेतासराय, मेहरावां तथा महगांवा स्टेशन के मध्य (बाराबंकी–अयोध्या कैंट–अकबरपुर–जफराबाद रेलखंड) में 24 जून से तीन जुलाई तक रेल लाइन दोहरीकरण के लिए मेगा ब्लाक लिया गया है।
इस मेगा ब्लाक के चलते इस रूट की करीब एक दर्जन रेल सेवाएं प्रभवित हो रही हैं। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक कोचिंग सुधीर सिंह ने बताया कि इस मेगा ब्लाक के चलते ऋषिकेश व हावड़ा के बीच संचालित होने वाली हावड़ा एक्सप्रेस भी प्रभावित रहेगी।
हावड़ा–योगनगरी ऋषिकेश 21 मई से दो जुलाई तक निरस्त
उन्होंने बताया कि हावड़ा से चलने वाली गाड़ी संख्या 13009 (हावड़ा–योगनगरी ऋषिकेश) 21 मई से दो जुलाई तक निरस्त रहेगी। जबकि योगनगर से चलने वाली गाड़ी संख्या 13010 (योगनगरी ऋषिकेश–हावड़ा) 23 जून से दिनांक चार जुलाई तक निरस्त रहेगी।
ऋषिकेश-हावड़ा के बीच हावड़ा एक्सप्रेस प्रतिदिन संचालित की जाती है। यह रेल सेवा प्रात: साढ़े पांच बजे ऋषिकेश पहुंचती है जबकि रात्रि 10:50 बजे योगनगरी ऋषिकेश से रवाना होती है। 12 दिन के लिए हावड़ा एक्सप्रेस के निरस्त होने से इस रूट पर यात्रा करने वाले यात्रियों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ सकती है।
वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण के दौरान हरिपुरकलां को रायवाला-मोतीचूर फ्लाईओवर से न जोड़ने का खामियाजा हरिपुरकलां की 35 हजार आबादी रोजाना भुगत रही है।
यात्रा सीजन में स्थानीय प्रशासन ने कालू सिद्ध मंदिर के पास गांव को हाईवे से जोड़ने वाले एकमात्र अंडरपास को भी बंद कर दिया, जिसके बाद ग्रामीणों को हाईवे पर आने के लिए 15 किलोमीटर दूर चंडी घाट पुल हरिद्वार से होकर आना पड़ रहा है।
हाईवे और सर्विस रोड पर जाम के बाद स्थानीय प्रशासन ने समस्या से छुटकारा पाने के लिए अंडर पास पर अवरोधक लगा कर आवाजाही के लिए बंद कर दिया है।
दूसरी तरफ हरिद्वार हाईवे पर शांतिकुंज से लेकर चंडीघाट चौक तक के सभी कट पहले से ही बंद हैं।
अब अगर हरिपुरकलां गांव से किसी को अपने वाहन से रायवाला या ऋषिकेश जाना हो तो उसे हाईवे पर पहुंचने के लिए 15 किलोमीटर विपरीत दिशा में चंडीघाट पुल जाना पड़ रहा है,ग्रामीण हर दिन इस परेशानी को झेल रहे हैं।
लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं। इस बारे में अब जिम्मेदार अधिकारी भी कुछ कहने को तैयार नहीं हैं।