मधु जैन की रिपोर्ट***बस स्टैण्ड स्थित श्री 1008 आदिनाथ दिगम्बर जैनमंदिर के स्थापना के 17 वर्ष पूर्ण होने पर परम पूज्य गिरनार गौरव, समाधी सम्राट आचार्य 108 श्री निर्मल सागर जी मुनिराज के परम प्रियाग्र, शिष्य गिरनार पीठाधीश्वर कर्मयोगी क्षुल्लक रत्न 105 श्री समर्पण सागर जी महाराज के प्रेरणा, निर्देशन एवं नेतृत्व मे जैन मन्दिर के 17 वे वार्षिक महोत्सव एवं इन्द्र मानस्तम्भ की प्रथम महामस्तकाभिषेक सानन्द सम्पन्न हुआ जिसमे नई टिहरी जैन समाज के अतिरिक्त देहरादून जैन समाज का विशेष सहयोग रहा महोत्सव में सर्वप्रथम भगवान ● आदिनाथ स्वामी का अभिषेक, शान्तिधारा के पश्चात श्री 1008 भक्तामर महामण्डल विधान किया गया। तत्पश्चात टिहरी के जिन मन्दिर से श्री जी की पालकी यात्रा प्रारम्भ हुयी जो नगर के विभिन्न मार्गो से होती हुई पुनः जिनमन्दिर आयी एवं वहां श्री जी का अभिषेक, मानस्तम्भ का प्रथम अभिषेक रजत कलशो से विभिन्न नगरो से पधारे साधर्मी बन्धुओं के द्वारा समन्न हुआ । कार्यक्रम में टिहरी नगर के विद्यायक मा. श्री किशोर उपाध्याय, पूर्वमन्त्री दिनेश धने, भाजपा के जिला अध्यक्ष • विनोद रतूडी नगर पालिका परिषद की अध्यक्षा सीमा कृषाली एवं वार्ड के सभासद – विजय कठेर के साथ देहरादून समाज के अध्यक्ष श्रीमान विनोद जैन “रामपुर वाले’ मंत्री श्री संदीप जैन बडागांव वाले, श्री सुरेन्द्र जैन, सुनिल जैन नई टिहरी, पंकज जैन, अनुज जैन, शरद जैन शामली अचिन जैन आदि भारतवर्ष के कई प्रान्तों से पधारे श्रावकगढ़ उपस्थित थे। महोत्सव में श्रीविनोद जैन देहरादून, लोकेश जैन रेसकोस, राजीव जैन भारत कं., पवन कुमार अर्चिन जैन, मुकेश जैन रोडवेज सुभाष जैन श्रषीकेष, अंकित जैन पेठेवालों का विशेष प्राप्त हुआ ]
इस अवसर पर पूज्य श्री ने टिहरी के जैन इतिहास को भी बताया उन्होंने कहा कि टिहरी में जैन समाज लगभग 200 वर्ष पहले आई थी और पुरानी टिहरी में चैत्यालय की स्थापना 1979 मे हुयी रूप क्षेत्र मे नई टिहरी मे शासन के द्वारा जिनमन्दिर बनवाकर 2005 में प्राण प्रतिष्ठा बड़े सानंद से संपन्न हुई।