चार धाम यात्रा में घोड़े खाचरो का हो रहा शोषण नवत्थान सोसाइटी


देहरादून | नवोत्थान सोसाइटी द्वारा आज देहरादून के उत्तरांचल प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया | प्रेस वार्ता करते हुए नवोत्थान सोसाइटी की संस्थापक नलिनी तनेजा ने कहा कि
चारधाम यात्रा में घोड़ो खच्चरों का शोषण हो रहा है उसके खिलाफ एक जुट होकर आवाज उठा रहे है इसलिए हमारी संस्था सरकार और मंदिर सीमित से मेरा कुछ प्रश्न जिसमे 14 से 19 किलोमीटर गौरीकुंड से केदारनाथ की पैदल यात्रा है उसमें घोड़ो खच्चरों का पैदल यात्रा में उपयोग करते समय इनकी देख रेख के लिए क्या ठोस कदम उठाया गया है | एक आंकड़े के अनुसार 2300 घोड़ो खच्चरों का रजिस्ट्रेशन किया गया है बाकी घोड़ो खच्चरों का रजिस्ट्रेशन क्यों नही | आज तक के आंकड़ों में 60 घोड़े और खच्चरों की मौत हुई है इस चारधाम यात्रा के दौरान , मेरा प्रश्न है जब घोड़ो और खच्चरों को एक चक्कर ही सवारी के दौरान यात्रा करने की अनुमति है तो दो चक्कर क्यो कराया जा रहा है इसकी जाँच के लिए कोई अधिकारी क्यों नही |
नलिनी तनेजा ने बताया कि इन जानवरों को हरा चारा नही मिल रहा है | इनकी मृत्यु का प्रमुख कारण ग्लेशियर के बर्फ का पानी पीना भी है | नलिनी तनेजा ने मांग करते हुए कहा कि इन घोड़ो और खच्चरों का रूटीन हेल्थ जाँच हर 15 दिन में होनी चाहिये , एक खच्चर और घोड़े का ट्रैक पर 16 किलोमीटर आना जाना बंद होना चाहिए | प्रत्येक घोड़े और खच्चरों के गले मे आईडी कार्ड होना चाहिए जिससे यदि जब किसी जानवर की मौत किसी लापरवाही से हो तो उनके मालिक तक पहुँचा जा सके | चार किलोमीटर के बाद एक ठहराव हो जहां उनको हरि घास और शुद्ध पानी उपलब्ध हो | अंत मे उन्होंने कहा कि हमे यह ज्ञान है कि इससे बहुत से लोग अपनी जीविका चलाने है इससे हमें कोई एतराज नही परंतु घोड़े और खच्चरों को सही तरीके से रखे और नियम के अनुसार कार्य कराया जाए | इस अवसर पर नीरू खुराना, रीमा सेमवाल, रोशनी बाँगा, अमन विर्दी, साकेत गोयल, मयंक, सौरभ गुसाईं, राज सूरी आदि लोग उपस्थित रहे |