देर आए दुरुस्त आए कर्नल अजय कोठियाल ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ थामा भाजपा का दामन

देहरादून:

आम आदमी पार्टी को छोड़ने के बाद आज कर्नल अजय कोठियाल ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा का दामन थाम लिया है। बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कर्नल अजय कोठियाल, भूपेश उपाध्याय नवीन प्रणाली सहित 700 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को भाजपा की सदस्यता दिलवाई । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज कर्नल अजय कोठियाल को वह पार्टी मिली है जिस पार्टी से उनके विचार मेल खाते हैं। कांति पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कर्नल अजय कोठियाल हमेशा ही युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं और आप बीजेपी भी ऐसे ही लोगों का सम्मान करती है जिन्होंने देश और राज्य के लिए कुछ किया हो।
कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि पूर्व में कई बार भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से बात हुई थी, लेकिन तब संयोग नही बने … लेकिन आज संयोग बने है तो वह भाजपा का दामन थाम रहे है । उन्होंने हाल ही में आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया था। उन्हें भाजपा कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे सकती है। कर्नल अजय कोठियाल और पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष भूपेश उपाध्याय के बाद तीन सौ से अधिक पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा दिया था। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे गए इस्तीफे में पदाधिकारियों ने कहा था कि वर्तमान में जिस तरह से संगठन काम रहा है, उससे लगता है कि उत्तराखंड में आप का कोई भविष्य नहीं है। अपने इस्तीफे को लेकर कर्नल ने कहा था कि त्यागपत्र पूर्व सैनिकों, पूर्व अर्धसैनिकों, बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं और बुद्धिजीवियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए दिया है। कोठियाल के बाद आम आदमी पार्टी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष भूपेश उपाध्याय ने भी इस्तीफा दे दिया है। जून 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के बाद धाम के पुनर्निर्माण में कर्नल कोठियाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सेवानिवृत्ति के बाद वह युवाओं को सेना में भर्ती के लिए प्रशिक्षण देने में जुट गए। वहीं उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के चुनाव से पहले कर्नल कोठियाल ने आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होकर राजनीतिक पारी की शुरुआत की। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कर्नल कोठियाल को उत्‍तराखंड में आम आदमी पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया। आम आदमी पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन वह एक सीट भी नहीं जीत पाई