नवरात्रि के 9वे दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की उपासना की जाती है सिद्धिदात्री ज्ञान और बोध का प्रतीक है जिसे जन्म जन्मांतर की कठिन साधना से ही प्राप्त किया जा सकता है इसी कारणवश मां के 9वे स्वरुप को सिद्धिदात्री कहा जाता है
देवी पुराण के अनुसार भगवान शिव ने मां की तपस्या की और सिद्धियां प्राप्त की और इस कारणवश भगवान शिव का आधा अंग देवी अंग हो गया जिस कारण भगवान शिव लोक में अर्धनारीश्वर के नाम से विख्यात हुए मां दुर्गा के 9वे स्वरुप की उपासना के साथ-साथ सभी भक्त कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन करा कर व्रत की समाप्ति करते हैं और कलश जो का विसर्जन किया जाता है……….🙏🙏🙏 जय माता सिद्धिदात्री जगत कल्याणी मां सबकी रक्षा करने वाली की सदा ही जय हो 🙏🙏🙏