एन एस एस छरबा ने देश की पहली महिला शिक्षिका को याद किया
राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई राजकीय इंटर कॉलेज छरबा देहरादून के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत नव वर्ष 2022 की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए एक दिवसीय शिविर में देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले को याद किया ।
प्रधानाचार्य रामबाबू विमल ने पर कहा कि विश्व की आधी आबादी का प्रत्येक तरह के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। भारत की शिक्षा व्यवस्था मैं भी महिलाओं ने कई उच्च स्तरीय मुकाम हासिल किए हैं, लेकिन बहुत कम लोग ही देश की पहली महिला शिक्षिका को जान पाए हैं। उन्होंने ऐसे समय में शिक्षा की अलख जगाई थी, जब बालिकाओं को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता था और वह अज्ञानता वर्ष दूसरों पर ही निर्भर रहती थी उन्होंने बताया कि बालिकाओं के लिए बचपन में माता पिता युवावस्था में पति एवं वृद्ध होने पर पुत्र पर निर्भर रहना ही उनकी विवशता थी।
एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र सिंह बुटोइया ने कहा कि सावित्रीबाई फुले ने अपनी कविता अज्ञान में कहा है कि “केवल एक ही शत्रु है अपना। मिलकर निकाल देंगे उसे बाहर। इसके सिवा कोई शत्रु नहीं। बताती हूं उस दुष्ट शत्रु का नाम। सुनो ठीक से आप सभी उस शत्रु का नाम। वह तो है अज्ञान।
इस प्रकार उन्होंने बालिकाओं को अज्ञानता से दूर करने का प्रयास किया आज भी बालिका शिक्षा की ओर और अधिक ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है ।
शिक्षिका मोहिनी यादव ने भी उनके जीवन परिचय उनके संघर्ष व उनके कृतित्व पर प्रकाश डाला और महिलाओं के विकास में उनकी भागीदारी को अतुलनीय बताया।
इस अवसर पर अनूप कुमार अग्निहोत्री, देवेंद्र दत्त भट्ट, शिवचरण बडोनी, गोपाल सिंह, खजान सिंह सहित 50 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।